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चीन से जल्द ही चलेगी मलेशिया तक बुलेट ट्रेन, जानिए क्या होगी खूबी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 18 2018 4:02PM | Updated Date: Jun 18 2018 4:02PM
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कुनमिंग। चीन की हाईस्पीड रेलवे यानी बुलेट ट्रेन जल्द ही हिन्द चीन प्रायद्वीप यानी आसियान देशों में कदम रखने जा रही है और अगले कुछ वर्षों में यहां से रेलगाड़ी में सवार हो कर सीधे लाओस, म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया और मलेशिया चंद घंटों में पहुंचना संभव होगा। चीन के युन्नान प्रांत की रेलवे कंपनी सीआरएच के अधिकारियों ने यहां दक्षिण और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के पत्रकारों को बताया कि प्रांतीय राजधानी कुनमिंग से लाओस तक हाईस्पीड रेललाइन बिछाने का काम चल रहा है और यह रेलवे लाइन थाईलैंड और कंबोडिया होते हुए मलेशिया तक जाएगी। इसे आगे सिंगापुर तक भी बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कुनमिंग से कुआलालम्पुर एक रात के सफर में पहुंचना संभव होगा।
सीआरएच के अधिकारियों ने कुनमिंग शहर के दक्षिण छोर पर बने नये हाईस्पीड स्टेशन कुनमिंग नान के विकास के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इस परियोजना का निर्माण जून 2011 में शुरू हुआ था और 28 दिसंबर 2016 को यह परियोजना पूरी हो गयी। यह स्टेशन शहर के मुख्य स्टेशन से 28 किलोमीटर दूर और बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) के तहत विकसित किये जा रहे चेंगगोंग आर्थिक प्रक्षेत्र से लगा हुआ है। उन्होंने संकेत दिये कि चीन सरकार म्यांमार के रास्ते दक्षिण एशिया खासकर बंगलादेश एवं भारत तक भी यह रेलवे लाइन ले जाना चाहती है और उसके लिए विभिन्न स्तरों पर बात हो रही है।
इन गाड़ियों में सेमीहाईस्पीड गाड़ी की गति 200 से 250 किलोमीटर प्रतिघंटा है जबकि हाईस्पीड गाड़ियों की रफ्तार 300 से 350 किलोमीटर प्रतिघंटा है। हाईस्पीड गाड़ी में  किराये के बारे में पूछे जाने पर अधिकारियों ने बताया कि गाड़ियों में दो श्रेणियां हैं फर्स्ट क्लास एवं सेकेंड क्लास। शताब्दी एक्सप्रेस या गतिमान एक्सप्रेस की एसी चेयरकार जैसी श्रेणी सेकेंड क्लास और एक्जÞीक्यूटिव श्रेणी को फर्स्ट क्लास कहा जाता है। कुछ नयी गाड़ियों में स्लीपर श्रेणी भी शुरू हुई है जो भारतीय रेलवे के एसी-2 के समान है लेकिन उससे कही बेहतर है। सीआरएच रेलवे में प्लैक्सी फेयर जैसी किराया प्रणाली नहीं है। यात्रियों को एक समान फिक्स किराया देना होता है जो हवाई जहाज से कम होता है। उन्होंने बताया कि सेंकेड क्लास का कुनमिंग से बीजिंग तक किराया करीब 1100 युआन है। इस यात्रा में करीब साढ़े दस घंटे का समय लगता है, जबकि ग्वांगझाउ के लिए किराया 448 युआन है जहां करीब ढाई घंटे में पहुंचा जा सकता है।
---रेलवे स्टेशन और रेल में मिलेंगी ये सुविधाएं
कुनमिंग नान रेलवे स्टेशन पर तीस प्लेटफॉर्म बनाये गये हैं और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए आव्रजन काउंटरों के लिए भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कुनमिंग नान दक्षिण पूर्व एशिया के लिए एक अंतरराष्ट्रीय आवागमन का केन्द्र बनेगा जिसे ध्यान में रख कर स्टेशन डिजÞाइन किया गया है। स्टेशन के तीन तल जमीन के ऊपर और दो भूमिगत तल हैं। दूसरे तल पर वेटिंग हॉल, पहले तल पर प्लेटफॉर्म और भूतल पर टैक्सी या बसें उपलब्ध हैं। भूमिगत दोनों तलों में दो अलग अलग दिशाओं की मेट्रो सेवाएं उपलब्ध हैं।
यात्रियों के लिए आने और जाने के लिए हवाई अड्डे की तर्ज पर अलग-अलग तल निर्धारित हैं। बाहर जाने वाले यात्री फ्लाईओवर से सीधे तीसरे तल पर पहुंचते हैं और वहां पूरा नजÞारा किसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसा होता है। अधिकतर यात्री आॅनलाइन टिकट लेकर आते हैं और मोबाइल पर प्राप्त बारकोड को वहां लगी मशीनों से स्कैन करके बोर्डिंग पास हासिल करते हैं। इसके बाद वे भारत में मेट्रो सेवा की तरह बोर्डिंग कार्ड स्कैन करके वेटिंग हॉल में आते हैं। मुख्य द्वार और वेटिंग हॉल में कई जगहों पर बड़े बड़े स्क्रीन पर गाड़ियों के आवागमन का अद्यतन समय दिखाया जाता है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोई भी गाड़ी स्क्रीन पर बताये गये समय से एक मिनट का भी विलंब नहीं करती है। गाड़ी में एयरहोस्टेस जैसी ट्रेन होस्टेस ग्रीन टी अथवा स्रैक्स इत्यादि सर्व करतीं हैं। गंतव्य पर पहुंचने के बाद यात्री मेट्रो ट्रेन यात्रियों की भांति बोर्डिंग कार्ड को स्कैन करके बाहर निकलते हैं। हाईस्पीड रेलवे स्टेशनों पर रेलवे स्टाफ न्यूनतम संख्या में दिखता है।
 
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