संयुक्त राष्ट्र। बंगलादेश में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थियों के शिविर नष्ट हो गये हैं और इसकी वजह से नौ हजार से अधिक शरणार्थी प्रभावित हो चुके हैं। इन शिविरों में कई लाख शरणार्थी रह रहे हैं और ये शिविर बाढ़ तथा भूस्खलन के लिहाज से अत्यंत खतरनाक माने जाते हैं। दक्षिण पूर्वी बंगलादेश में कॉक्स बाजार इलाके में रह रहे शरणार्थियों के बारे में आईओएम के आपातकालीन समन्वयक मैनुएल परेरा ने कहा, ''बारिश के कारण शिविर में स्थिति अत्यंत खराब होती जा रही है। एक लाख के करीब शरणार्थी पहाड़ी, दलदली और मैदानी इलाकों में रह रहे हैं जहां एक भी पेड़ या झाड़ी नहीं हैं जो जमीन पर पकड़ बनाकर रख सके। शरणार्थियों के अस्थायी शिविर बारिश के पानी में बह गये।''
संयुक्त राष्ट्र और इसकी सहयोगी संस्थाओं की ओर से पिछले कुछ महीनों से जून से सितंबर के बीच मानसून को लेकर खतरे की चेतावनी दी जा रही थी। बारिश शनिवार को शुरू हुई और 24 घंटे के भीतर भूस्खलन, जलभराव, तेज हवा और वज्रपात की घटनाएं सामने आई हैं। आईओएम ने कहा, '' वह इन क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग सुविधा सुनिश्चित करने और पानी निकासी की व्यवस्था के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। आने वाले दिनों में और तेज बारिश होगी जिसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। संयुक्त राष्ट्र और इसकी सहयोगी संस्थाएं भी यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि शरणार्थियों को पानी, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसी सुविधा मिले।''