वॉशिंगटन। बाल अपहरण के मामलों को सुलझाने के लिए भारत और अमेरिका साथ मिलकर काम करेंगे। दोनों देश हेग समझौते के तहत बाल कल्याण के लिए कार्य करेंगे। हालांकि भारत ने इस समझौते पर दस्तखत नहीं किए हैं। यह जानकारी विदेश विभाग की अधिकारी सुजेन आई लॉरेंस ने अमेरिकी संसद को दी।
बाल मामलों की विशेष सलाहकार सुजेन ने संसद की विदेशी मामलों की समिति को बताया भारत 1980 में हुए हेग समझौते का सदस्य नहीं है, न ही इस तरह के मामले में सहयोग के लिए दोनों देशों के बीच कोई संधि है, लेकिन भारतीय अधिकारियों के अनुरोध पर अमेरिकी सरकार ने साथ काम करने का निर्णय लिया है। इस तरह के मामलों में माता-पिता खुद बच्चों को अगवा कर लेते हैं।
इसके बाद देशों के बीच कोई समझौता न होने से एक पक्ष लगातार परेशान होता है। भारत के ऐसे कई मामले सामने आए, जिनमें अमेरिकी नागरिक ने बलपूर्वक बच्चे को अपने पास रखा है, जबकि भारत में माता-पिता द्वारा बच्चे को जबरदस्ती अपने पास रखना अपराध की श्रेणी में नहीं आता।