इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सिंध प्रांत के मातली जिले में 25 मार्च को 50 हिंदू परिवारों के 500 लोगों का सामूहिक तौर पर जबरिया रूप से धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है। इनमें अधिकांश वे हैं, जो भारत में शरण लेने के लिए आए थे, लेकिन लांग टर्म वीजा नहीं मिलने के कारण उन्हें वापस पाकिस्तान लौटना पड़ा था। धर्म परिवर्तन कराने वाले इस आयोजन का वीडियो राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में रह रहे पाकिस्तानी विस्थापितों के पास पहुंचा है।
पाकिस्तानी विस्थापितों के लिए काम करने वाली संस्था लोक सीमांत संगठन के अध्यक्ष हिंदूसिंह सोढ़ा के पास भी यह वीडियो पहुंचा और जिन लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया, उनमें से दो लोगों की सोढ़ा से बात भी हुई। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जो हिंदू बसे हैं, वे वहां से भागकर भारत आते हैं, लेकिन यहां जांच एजेंसियों के दबाव की वजह से उन्हें लौटना पड़ता है।
भारत सरकार ने पाकिस्तान से आए ऐसे पांच हजार विस्थापितों को वर्ष 2005 में नागरिकता प्रदान की थी, लेकिन करीब 15 हजार विस्थापित लांग टर्म वीजा पाने के लिए दिल्ली और संबंधित जिलों में भटक रहे हैं। राजस्थान हाई कोर्ट में सीआईडी और प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 968 हिंदुओं को दो साल में पाकिस्तान वापस भेजा जा चुका है। राजस्थान से तीन साल में 1379 हिंदू विस्थापितों को पाकिस्तान लौटना पड़ा।