कुआलालम्पुर। मलेशिया सरकार ने मीडिया में झूठी खबरों के प्रसारण को लेकरसोमवार को संसद में एक विधेयक पेश किया। इस विधेयक में 'फेक न्यूज' झूठे समाचार प्रचारित -प्रसारित करने पर जुर्माना और संबंधित व्यक्ति को दस साल के कारावास का प्रावधान किया गया है।
विधेयक को देश में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों से पहले पेश किया गया है और इसमें इस तरह की खबरें चलाने वालें मीडिया संगठनों और संबद्व पत्रकारों पर 128,140 डालर का जुर्माना तथा दस वर्ष कैद अथवा दोनों का प्रावधान है।
विधेयक में कहा गया है कि इसका मकसद जनता के हितों को सुरक्षित रखने और ऐसी बेबुनियादी खबरों के प्रसार पर रोक सुनिश्चित करना है और संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।
विधेयक में "फेक न्यूज" को इस प्रकार प्रतिबंधित किया गया है "ऐसा समाचार, जानकारी , आंकडें और रिपोर्ट जो पूरी तरह या आंशिक तौर पर झूठी हैं और इनमें फीचर्स, विजुअल्स तथा ऑडियों रिकॉर्डिंग शामिल है।" इस विधेयक के दायरे में डिजीटल सामग्री और सोशल मीडिया शामिल है और अगर किसी मलेशियाई नागरिक का हित प्रभावित होता है तो विदेशियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
विधेयक में कहा गया है कि इस मामले में कानून बन जाने से अब जनता अधिक जवाबदेह बन सकेगी और समाचारों एवं जानकारी को साझा करने में सावधानी बरतेगी।
इस बीच विपक्ष ने इस विधेयक को पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह पूरी तरह गलत है और सरकार के पास पहले से ही स्वतंत्र अभिव्यक्ति और मीडिया पर नियंत्रण की शक्तियां हैं। विपक्ष ने ऐसे कानून की आवश्यकता पर भी सवाल उठाया है।