वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किए गए जॉन बोल्टन को लेकर कई देशों के साथ अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की भी चिंता बढ़ गई है। दरअसल, बोल्टन का अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के साथ टकराव का लंबा इतिहास रहा है। उत्तर कोरिया और ईरान का मुद्दा मौजूदा समय में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और बोल्टन के समक्ष सबसे बड़ी चुनौतियां हैं।
बोल्टन इन दोनों गंभीर मामलों पर क्या रुख अपनाते हैं इसका सभी को इंतजार है। बोल्टन नौ अप्रैल को अपना पद संभालेंगे। बोल्टन सेवानिवृत्त हो रहे लेफ्टिनेंट जनरल एच आर मैकमास्टर का स्थान लेंगे। उनके सार्वजनिक वक्तव्यों से यह ज्ञात होता है कि वह ईरान परमाणु समझौते और उत्तर कोरिया के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति जैसे ही विचार रखते हैं।