जकार्ता। इंडोनेशिया में इस्लामिक मौलवियों, स्कूलों और मस्जिदों पर रहस्यमय हमलों ने तनाव को बढ़ा दिया है। दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले मुस्लिम बहुसंख्यक इस देश में अगले साल प्रांतीय और राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। खुफिया और इस्लामिक अधिकारियों का मानना है कि इन सबके पीछे राजनेताओं का हाथ है, जिसे वे लोग 'ब्लैक कैम्पेन' के नाम से बुलाते हैं। उनका कहना है कि इस्लाम खुद राष्ट्रपति जोको विडोडो के नेतृत्व में घेरे में है।
राजधानी जकार्ता के निकट एक शहर में एक मस्जिद प्रबंधक को चाबुक मारा गया और एक धार्मिक विद्वान को एक अनाम पत्र से चेतावनी मिली कि दस मौलवियों को मार दिया जाएगा। पुलिस के अनुसार मौलवियों और स्कूलों पर हमले के वीडियो नकली हैं। ये लोगों के बीच लड़ाई को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल किए गए हैं।
सरकारी विफलता का गलत संदेश
जून में इंडोनेशिया में राज्यपाल, जिला प्रमुख और महापौर के लिए चुनाव होना हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले होने वाले ये चुनाव काफी महत्वपूर्ण होने वाले हैं। बांडुंग शहर के मेयर रिजवान कामिल ने कहा कि यदि आप एक मुस्लिम नहीं हैं, तो वे आपको एक नास्तिक कहते हैं। यदि आप मुस्लिम हैं, तो वे आपको इस्लामिक नहीं कहते हैं। राष्ट्रपति विडोडो का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा वे एक संदेश भेजने का प्रयास कर रहे हैं कि देश सुरक्षित नहीं है, सरकार असफल हो रही है, हमें मौजूदा सरकार को बदलने की जरूरत है।