इस्लामाबाद। पाकिस्तान में महंगाई झेल रहे लोगों पर और मार पड़ी है। इमरान खान सरकार ने 300 यूनिट से अधिक मासिक खपत वाले उपभोक्ताओं पर बिजली शुल्क पौने दो प्रतिशत बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। ग्यारह माह में यह चौथा मौका है जब बिजली की दरों में इजाफा किया गया है।
बिजली दरों को बढ़ाने से सरकार को हर माह 2500 करोड़ रुपए की प्राप्ति होगी। बिजली दरों में यह बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ हुए कर्ज समझौते के अनुपालन के तहत की गई है। नयी दरें एक दिसंबर से प्रभावी होकर एक साल के लिए मान्य होंगी।
यह फैसला गुरुवार को वित्त सलाहकार डॉक्टर अब्दुल हफीज शेख की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की बैठक में लिया गया। ईसीसी ने इसके अलावा गेहूं के समर्थन मूल्य में पांच प्रतिशत तक अर्थात 65 रुपए प्रति 40 किलोग्राम की बढ़ोतरी कर इसे 1365 रुपए कर दिया है। गेहूं के समर्थन मूल्य में पांच साल के बाद वृद्धि की गई है। बिजली की दरों में इस वर्ष पहली बार बढ़ोतरी की गई। इसके बाद जून 14 और अक्टूबर एक को बिजली की दरें बढ़ाई गईं। बिजली की दरों में चारों मर्तबा बढ़ोतरी आईएमएफ की शर्तों को पूरा करने के लिए की गई।