इस्लामाबाद। आतंकवादियों को धन मुहैया कराने और कालेधन को सफेद बनाने पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स ने 27 सूत्री कार्य योजना का पूर्ण क्रियान्वयन नहीं करने के कारण पाकिस्तान को शुक्रवार को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का फैसला किया और उसे इस योजना को पूरी तरह लागू करने के लिए चार माह की अंतिम समय सीमा दी है। पर्यवेक्षकों के अनुसार ये चार माह करोड़ों पाकिस्तानी नागरिकों के भविष्य के लिए उम्मीद की अंतिम किरण है।
एफएटीएफ ने एक बयान जारी करके पाकिस्तान से कहा है कि वह फरवरी 2020 तक कार्य योजना को पूरी तरह लागू करे। उसने कहा कि अगर उस समय तक कार्य योजना में महत्वपूर्ण और सतत प्रगति नहीं दर्ज की गयी तो वह पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करेगा। एफएटीएफ ने पांच कार्य बिंदुओं पर पाकिस्तान के प्रयास को मान्यता दी है लेकिन आतंकवादियों को धन मुहैया कराने और विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के खतरे को लेकर उसकी स्थिति को स्वीकार नहीं किया है। शेष बचे 17 बिंदुओं पर भी पाकिस्तान की कोशिशों को भी एफएटीएफ ने मान्यता दी है।