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यूएन क्लाइमेट समिट’ में नेताओं ने की हरित दीवार की माँग

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 23 2019 9:24AM | Updated Date: Sep 23 2019 9:36AM
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न्ययॉर्क। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की सोमवार को होने वाली ‘यूएन क्लाइमेट समिट’ की पूर्व संध्या पर कई राजनेताओं, कारोबारियों और नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अफ्रीका महादेश के चारों तरफ हरित दीवार (जंगलों की दीवार) के निर्माण का काम वर्ष 2030 तक पूरा करने की माँग की। अफ्रीकी संघ द्वारा करीब एक दशक पहले विशालकाय हरित दीवार बनाने पर सहमति बनी थी, लेकिन अब तक इस दिशा में काफी कम प्रगति हुई है। इसे अफ्रीका महादेश की पूरी परिधि में बनाया जाना है जिसकी कुल लंबाई 8000 किलोमीटर है। इसमें एक दशक में 15 प्रतिशत लंबाई पर ही हरित दीवार बनाने का काम शुरू हो सका है जबकि 85 प्रतिशत काम अभी शेष है। इसका लक्ष्य बंजर हो चुकी भूमि को पुन: उपजाऊ बनाना है ताकि महादेश के साहेल क्षेत्र में रह रहे लोगों को खाद्य सुरक्षा, नौकरी और आर्थिक उन्नति प्रदान की जा सके। संयुक्त राष्ट्र मरुस्थली करण रोकथाम सम्मेलन (यूएनसीसीडी) और विश्व बैंक समूह के कार्यक्रम कनेक्ट फॉर क्लाइमेट के नेतृत्व में रविवार को यहाँ गोल्स हाउस में दुनिया के कई प्रभावशाली राजनेता, कारोबारी, पत्रकार और फिल्म तथा संगीत से जुड़ी हस्तियों एकत्र हुईं और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किफायती समाधान के रूप में विशालकाय हरित दीवार के महत्त्व को रेखांकित किया।
 
जूते, कपड़े आदि बनाने वाली कंपनी टिम्बरलैंड के वैश्विक ब्रांड अध्यक्ष जिम पिसानी, फिल्म निदेशक फर्नैंडो मिरेलेस और नाइजीरिया के युवा एक्टिविस्ट हमजत लावल ने इस मौके पर एकत्र प्रतिनिधियों को संबोधित किया। इस मौके पर ‘द ग्रेट ग्रीव वॉल’ नामक वृत्त चित्र का प्रदर्शन किया गया तथा ग्रेमी पुरस्कार विजेता रिकी केज, ‘शोंघॉय ब्लूज’ और ‘वाजे’ ने भी अपनी संगीतमय प्रस्तुति दी। यूएनसीसीडी ने बताया कि दुनिया की एक-चौथाई भूमि अपने पुराने स्वरूप में नहीं रह गयी है। दुनिया की दस लाख प्रजातियों का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर पहुँच गया है। उसने उम्मीद जताई कि सभी देश हरित दीवार के महत्त्व को समझेंगे जो मानवता के समक्ष सबसे बड़े खतरे - तेजी से खत्म होती प्राकृतिक दुनिया - पर विजय का प्रतीक है। 
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