इस्लामाबाद। आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका को भी पाकिस्तान के इरादे पर शक है। ट्रंप प्रशासन का साफ कहना है कि पहले भी कई बार हाफिज को जेल में डाला जा चुका है लेकिन इससे कुछ भी नहीं बदला, न उसकी और न ही उसके आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा की गतिविधियों पर ही लगाम लग सकी। दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमले के फौरन बाद पकड़े जाने के बाद से यह सातवीं बार है जब यह दहशतगर्द सलाखों के पीछे पहुंचा है।
अब ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने पहले भी इस तरह का ऐक्शन देखा है। ऐसे में इस बार हम केवल दिखावा नहीं ठोस कार्रवाई देखना चाहते हैं। पाकिस्तान द्वारा आतंकी संगठन के खिलाफ उठाए गए कदमों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, हम आपको आश्वस्त करते हैं कि हमारी नजर इस पर है। हम इस बात को लेकर किसी भ्रम में नहीं है कि पाकिस्तान की सैन्य खुफिया सेवा इन संगठनों को कितना सपॉर्ट करती है। ऐसे में हम ठोस ऐक्शन देखना चाहेंगे।
इमरान से आतंकवाद, अफगान शांति वार्ता और शकील अफरीदी की रिहाई पर बात करेंगे ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले सप्ताह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वह आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने और अफगानिस्तान में तालिबान के साथ शांति वार्ता में मदद देने पर जोर देंगे। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि ट्रंप जेल में बंद डॉक्टर शकील अफरीदी की रिहाई की भी मांग करेंगे। अफरीदी ने ओसामा बिन लादेन का पता बताने में सीआईए की मदद की थी। क्रिकेटर से नेता बने 66 वर्षीय खान का सोमवार को ट्रंप के ओवल कार्यालय में उनसे मुलाकात करने का कार्यक्रम है। करीब 4 साल में किसी पाकिस्तानी नेता की यह पहली मुलाकात है।