वाशिंगटन। अमेरिका ने मानवाधिकार के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए म्यांमार सेना के कमांडर इन-चीफ ए हलींग और तीन शीर्ष अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। म्यांमार सरकार और सेना ने अमेरिका के इस कदम की कड़ी निंदा की है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष सैन्य अधिकारी और उनके परिजनों की अमेरिकी यात्रा पर पाबंदी लगा दी गयी है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि इसका पूरा सबूत है कि 2017 में रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा में प्रतिबंधित किये गये म्यांमार के सैन्य अधिकारियों की संलिप्तता थी और इन अधिकारियों की उनके विरुद्ध क्रूरता जारी रही।
पोम्पियो ने कहा कि वर्ष 2017 में इन दिल गांव में फर्जी मुठभेड़ में लोगों की हत्या के दोषी सेना के जवानों को रिहा करने के आदेश देने के कारण कमांडर इन-चीफ पर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि दोषी जवानों को बहुत ही कम समय के लिए जेल में रखा गया था जबकि नरसंहार की जांच करने वाले समाचार एजेंसी रायटर के पत्रकार वा लोन और केएसओए को 16 माह से अधिक समय तक जेल में कैद करके रखा गया था। पत्रकारों पर गुप्त सरकारी दस्तावेज प्राप्त करने का आरोप था। म्यांमार सरकार और सेना ने अमेरिकी प्रतिबंधों की कड़ी निंदा की है। ब्रिगेडियर जनरल जेड मिन ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि सेना की वर्ष 2017 हिंसा की जांच जारी है। उल्लेखनीय है कि 2017 में हिंसक घटनाओं के कारण सात लाख रोहिंग्या मुसलमानों ने देश से पलायन किया था।