नई दिल्ली। अमेरिका की आपत्तियों को दर किनार कर भारत जल्द ही रूस से एक बड़ा रक्षा सौदा करने जा रहा है। रूस से भारत 12 सुखोई-30 मल्टी-रोल फाइटर जेट खरीदने में जुटा है। दोनों देशों के बीच इस सौदे पर लगातार चर्चा जारी है। सौदा फास्ट ट्रैक रूट से किया जा रहा है। फाइटर जेट्स का फैसला होने के तुरंत बाद ये लड़ाकू विमान वायुसेना को सौंप दिए जाएंगे, जिससे उसकी ताकत पहले से और ज्यादा मजबूत हो जाएगी। इस सौदे पर बात करने के लिए भारतीय वायु सेना के प्रमुख बीएस धनोआ कुछ दिनो से रूस की यात्रा पर है और रूस से सुखोई-30 और मिग-29 लडाकू विमानो के अतिरिक्त स्क्वाड्रन हासिल करने पर चर्चा कर चुके है। इस सौदे के लिए भारत के आग्रह पर रूस ने काम भी शुरू कर दिया है।
भारत के रक्षा सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के घटते स्क्वाड्रन के मद्दे नजर सुखोई-30 और मिग-29 के अतिरिक्त विमानो को बेड़े में जोड़ने का फैसला किया है। हालांकि इससे पहले यह माना जा रहा था कि वायुसेना रूस से 18 सुखोई यानि एक स्क्वाड्रन लड़ाकू विमान हासिल करेगी। लेकिन सीमित रक्षा बजट और मौजूदा रक्षा जरूरतों को तुरंत प्रभाव से पूरा करने के लिए यह फैसला लिया गया है। यह किसी से नही छुपा है कि भारत इस समय टू फ्रंट वॉर का खतरा झेल रहा है। ऐसे में खुद की तैयारी को पुख्ता करना बहुत जरूरी हो जाता है। अमेरिका भारत के रूस के साथ होने वाले रक्षा सौदे से नाराज है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत व्दारा रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने पर आपत्ति जताई थी और अब भारत एक ओर नया सौदा करने जा रहा है।