ओसाका। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से द्विपक्षीय मुलाकात कर विभिन्न अहम मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट किया है ‘‘ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर विश्व के नेताओं से मुलाकात एवं चर्चा जारी है।’’ हाल के वर्षों में भारत और फ्रांस के बीच संबंध काफी मजबूत हुए हैं, भारत के फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के फैसले ने दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को नई ऊंचाईंयों पर पहुंचा दिया है। मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल से द्विपक्षीय मुलाकात कर भारत-जर्मनी के बीच रिश्तों को और अधिक मजबूत करने पर चर्चा की।
मर्केल ने लोकसभा चुनाव में जीत पर मोदी को बधाई भी दी। उल्लेखनीय है कि 28 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा कारोबारी हिस्सेदार है। मोदी ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद से भी मुलाकात की। मोदी और जे-इन ने भारत की पूर्वी देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने और कारोबार बढ़ाने की नीति पर प्रमुख रूप से चर्चा की। दक्षिण कोरिया की नई नीति के मुताबिक वह दक्षिण-पूर्वी एशिया और आसियान देशों के साथ अपने संबंध बढ़ाना चाहता है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ अपने प्रिय मित्र राष्ट्रपति मून जे-इन से मिलना हमेशा विशेष होता है। भारत और कोरियाई गणराज्य के बीच मित्रता एवं संबंधों को मजबूत करने को लेकर वह काफी उत्साहित हैं। आज हमने कारोबार, आर्थिक और जनता से जनता का संपर्क बढ़ाने के विभिन्न उपायों पर चर्चा की।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया,‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद से मुलाकात की।
मोदी ने हमारे अमूल्य रणनीतिक सहयोगी सऊदी अरब के साथ कारोबार और निवेश के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा की।’’ दोनों नेताओं ने ऊर्जा सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के मुद्दे पर भी बात की। इससे पहले मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुलाकात की। उन्होंने ट्रम्प और जापान के प्रधानमंत्री शिजो आबे के साथ जापान-अमेरिका-भारत रूपरेखा के तहत एक त्रिपक्षीय मुलाकात की। इसके अलावा उन्होंने ब्रिक्स देशों की अनौपचारिक बैठक में भी हिस्सा लिया, जहां उन्होंने आतंकवाद से लड़ने के मुद्दे पर वैश्विक बैठक का भी आव्हान किया।