नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने अफगानिस्तान में शांति के लिए शुरु की गई प्रक्रिया को जारी रखने पर सहमति जतायी है। अफगानिस्तान में शांति बहाली की प्रक्रिया से जुड़े अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमेय खलिलजाद ने दिल्ली की दो दिवसीय यात्रा के दौरान इस संबंध में भारतीय अधिकारियों तथा अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया से जुड़े अन्य पक्षों के साथ विस्तृत बातचीत की और दोनों पक्षों ने इस पर सहमति जताई है। खलिलजाद छह और सात मई को भारत की यात्रा आए थे और इस दौरान उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव अजय गोखले तथा अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत विनय कुमार सहित अन्य प्रमुख लोगों से विचार विमर्श किया।
खलिलजाद ने ट्वीट किया कि दुनिया का सबसे पुराना तथा सबसे बड़ा लोकतंत्र, अफगानिस्तान में शांति के लिए शुरू की गयी प्रक्रिया को जारी रखने पर सहमत हैं। दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हैं कि अफगानिस्तान के राजनीतिक भविष्य का अवसर वहीं के नागरिकों को मिले। इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि खलिलजाद ने अफगानिस्तान को लेकर एक मई से शुरु हुई नये दौर की दोहा वार्ता के बारे में भारतीय विदेश मंत्री को व्यापक जानकारी दी। दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान की शांति में क्षेत्रीय पक्षों की भूमिका पर चर्चा की और कहा कि भारत आने वाले समय में भी शांति प्रक्रिया से जुड़े प्रमुख पक्षों के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में शांति बहाली में भारत का अहम योगदान है। दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान के विकास के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने पर भी विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि वह शांति प्रक्रिया के लिए आगे भी भारत के साथ विचार विमर्श जारी रखेंगे।