वाशिंगटन। अमेरिका पश्चिम एशिया में जंगी जहाज तैनात कर ईरान को 'स्पष्ट' संदेश देना चाहता है कि वह किसी भी हमले के लिए तैयार है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा, ‘‘कई परेशानियों, हालात बिगड़ने के संकेतों और चेतावनियों के जवाब में यह कार्रवाई की जा रही है।’’ बीबीसी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सुरक्षा बलों के हमलों की आशंका के मद्देनजर जंगी जहाजों की तैनाती की जा रही है। बोल्टन ने कहा कि वे लोग किसी भी हमले का कड़ा मुकाबला करेंगे। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘अमेरिका 'यूएसएस अब्राहम लिकन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप और अमेरिकी सेंट्रल कमान के बम वर्षक बलों की तैनाती कर रहा है ताकि ईरानी शासन को एक स्पष्ट एवं अचूक संदेश दिया जा सके कि अमेरिका के हितों या हमारे सहयोगियों पर किसी भी हमले का कड़ा जवाब दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका ईरानी शासन के साथ युद्ध नहीं चाह रहा है लेकिन हम किसी भी हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, चाहे वह इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कोर या ईरानी सेना हो। यह पहली बार नहीं है जब 'यूएसएस अब्राहम लिकन जंगी जहाज को खाड़ी में तैनात किया गया है। यह तैनाती अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच की गयी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2015 में अमेरिका एवं अन्य देशों के ईरान के साथ हुए ऐतिहासक परमाणु समझौते से पिछले साल एकतरफा हट गये थे।
इस समझौते के तहत ईरान ने प्रतिबंधों से राहत के बदले में अपनी संवेदनशील परमाणु गतिविधियों को सीमित करने और अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों को अनुमति देने पर सहमति जतायी थी। व्हाइट हाउस ने पिछले महीने कहा था कि वह पांच देशों में शामिल चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और तुर्की पर लगाए गये प्रतिबंध से छूट खत्म कर देगा। यह देश अभी तक ईरान से तेल खरीद रहे थे। अमेरिका ने उसी समय ईरान के रेवोल्युशनरी गार्ड कोर को काली सूची में डाल दिया और उसे एक विदेशी आतंकवादी समूह के रूप में करार दिया।