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मोहन भागवत ने देश में रामराज्य स्थापित करने का आह्वान किया

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 17 2018 10:21AM | Updated Date: Nov 17 2018 10:21AM
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वाराणसी।  देश में राम राज्य की स्थापना को लेकर लगातार अवाजें उठ रही हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कई बार राम राज्य के विषय में चर्चा कर चुके हैं। शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने देश में राम राज्य की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने वाराणसी के कोईराजपुर में आयोजित 6 दिवसीय प्रचारक वर्ग शिविर में जोर देकर कहा कि  देश में राम राज्य स्थापित होना चाहिए।

साथ ही उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए आयोध्या में धर्म सभा आयोजित कर रहे अपने संबद्ध संगठनों का समर्थन करना चाहिए। प्रचारक वर्ग शिविर कार्यकम में आरएसएस के 250 से अधिक क्षेत्रीय प्रमुखों ने हिस्सा लिया। सूत्रों ने बताया कि यहां रणनीति बैठक में शाखाओं की संख्या बढ़ाने और इसमें और अधिक स्वयंसेवकों को जोड़ने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

उधर अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमला करती आई है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कांग्रेस नहीं चाहती है कि अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बने। योगी ने कहा था कि एक तरफ कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई जाती है की वर्ष 2019 से पहले राममंदिर मामले में सुनवाई नहीं होनी चाहिए।

बीजेपी ने शुक्रवार को कहा कि वह अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का संवैधानिक तरीके से निर्माण अवश्य कराएगी। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सम्बित पात्रा ने मीडिया कहा, 'हम अयोध्या में संवैधानिक तरीके से भव्य राममंदिर के निर्माण के प्रति कटिबद्ध हैं। अयोध्या में राममंदिर हम अवश्य बनवाएंगे।'

संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा था कि संगठन सुप्रीम कोर्ट से अपेक्षा रख रहा था कि हिंदू समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राम जन्मभूमि मुद्दे पर फैसला सुनाया जाए।  उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय से लंबित मुद्दे पर अदालत के फैसले का इंतजार भी लंबा हो गया है। उन्होंने कहा था कि यह दुख और पीड़ा का विषय है कि जिसे हिंदू अपनी आस्था मानते हैं और जिससे उनकी भावनाएं जुड़ी हैं वह कोर्ट की प्राथमिकता सूची में नहीं है। उन्होंने कहा, हिंदू अपमानित महसूस कर रहे हैं।

 
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