लखनऊ। उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपीरेरा)ने आवंटियों तथा अन्य हितधारकों की शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण के लिये ई कोर्ट्स सिस्टम की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। नई प्रणाली आगामी दो मार्च से शुरू होगी। यूपीरेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को यहां बताया कि ई-कोर्ट्स न्यायिक प्रणाली पारदर्शिता, दक्षता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करेगी। प्राधिकरण आवंटियों तथा अन्य हितधारकों शिकायतों को दूर करने के लिये इस प्रणाली की सफलता में विभिन्न अधिक से अधिक भागीदारी और उनका समर्थन चाहता है।
नई प्रणाली आगामी दो मार्च से शुरू होगी। यूपीरेरा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘प्राधिकरण ने एक एकीकृत शिकायत प्रबंधन मॉड्यूल के माध्यम से पीड़ति पक्षों की शिकायतों को दूर करने की कोशिश की है जिसे ई-कोर्ट कहा गया है। उन्हेंने बताया कि रेरा में शिकायत दर्ज होने पर उप्ररेरा कार्यालय द्वारा शिकायत तथा संलग्नकों का आनलाइन परीक्षण किया जायेगा। शिकायतकर्ता को ई-मेल द्वारा शिकायत की कमिया भेजी जायेंगी। शिकायतकर्ता को भेजी गयी कमियों के निस्तारण के लिये 15 दिन का समय दिया जायेगा।
कमियों का निस्तारण हो जाने पर शिकायत दर्ज की जायेगी और इस अवधि में कमियों का निस्तारण नही होने पर शिकायत को डिफेक्टिव शिकायत के रूप में दर्ज कर लिया जायेगा। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिकायत दर्ज कर लेने के उपरांत संलग्नको सहित प्रोमोटर के कैशवार्ड पर देखी जा सकेंगी। नोटिश की प्रति शिकायतकर्ता को भेजी जायेगी।
विपक्षी को आपत्ति दर्ज कराने के लिये 15 दिन का समय जायेगा। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और कागज रहित दृष्टिकोण प्राप्त करने के लिए पार्टियों से सभी जानकारी ऑनलाइन मांगी जाएगी। इसके अलावा प्रक्रिया समय पर सूचना भेजने के लिए एक मजबूत संचार व्यवस्था अपनाने पर जोर दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों के पास एक समान रूप से डैशबोर्ड होगा, जिसमें परियोजना की पूरी जानकारी के साथ शिकायत और आवश्यक सभी जानकारी शामिल होगी।