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आजादी का अधिकार छीन रही है भाजपा सरकार : अखिलेश

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 20 2020 1:17AM | Updated Date: Jan 20 2020 1:17AM
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार धारा 144 के जरिये नागरिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन कर रही है। यादव ने यहां कहा कि विरोधाभासों में दिन काट भाजपा सरकार के पास विकास की या भविष्य की कोई दृष्टि नहीं है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधरी नज़र आती है जबकि हकीकत में ‘उनकी सरकार‘ बिना 144 धारा के सहारे एक कदम नहीं चल पा रही है। यह सब तब हो रहा है जब उच्चतम न्यायालय इस पर टिप्पणियां कर चुका है। भाजपा सरकार सम्भवत: अपने को इस सबसे ऊपर मानती है। उन्होने कहा कि अनावश्यक तौर पर धारा 144 लागू करना नागरिक स्वतंत्रता पर प्रहार करना है। विरोधी सुरों को बेमियादी समय तक दबाने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं हो सकता है।
 
इसकी व्यवस्था हिंसा और सार्वजनिक सुरक्षा पर खतरे की आशंका में ही किसी क्षेत्र विशेष में होनी चाहिए लेकिन प्रदेश लगातार धारा 144 लागू कर नागरिक स्वतंत्रता का हनन करने पर तुली है। यह न्यायालय और संविधान दोनों की उपेक्षा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के साथ यह दावा किया जा रहा था कि अब कानून व्यवस्था के ‘अच्छे दिन‘ आ जाएंगे लेकिन भाजपा सरकार तो अब गणतंत्र दिवस के बहाने से भी धारा 144 शहर में लगा रही है। भाजपा सरकार आखिर क्या चाहती है गणतंत्र दिवस की भी गरिमा और उत्साह न रहे। उन्होने राज्यपाल से सवाल किया कि जब कानून व्यवस्था प्रदेश में सुधरी हुई है तो राजधानी में धारा 144 किस प्रयोजन से लगाई जा रही है। उन्हें भाजपा सरकार से इस पर जवाब तलब करना चाहिए।
 
असहमति लोकतंत्र में स्वाभाविक तत्व है। जनता की आवाज को दबाने के लिए सत्ता का दुरूपयोग अलोकतांत्रिक और अवांछनीय कृत्य है। यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य में ऐसी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की है कि राजधानी में ही पुराने लखनऊ के घण्टाघर पर सीएए और एनपीआर के विरोध में सैकड़ों महिलाओं द्वारा धरना-प्रदर्शन के समय कंपकंपाती ठण्डी रात्रि में उनके कम्बल छीन लिए गए। शौचालय पर ताला लगा दिया गया। प्रदर्शन स्थल की लाइटें काट दी गई। महिलाओं के साथ बच्चे भी थे उन पर भी इस सरकार को तरस नहीं आया। यह सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। अब सब भाजपा से जल्दी मुक्ति के इंतजार में है।
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