जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गोमती नदी के पावन तट सूरजघाट , तिलवारी घाट व गोमती- सई नदी के संगम राजेपुर त्रिमुहानी में श्रद्धालु भोर से ही स्रान कर भगवान सूर्य व भगवान शिव का दर्शन-पूजन कर रहे हैं । सूरज घाट पर आज सुबह से ही सामाजिक एवं रचनात्मक संस्था गीतांजलि के पदाधिकारियों ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्रानार्थियों की सुविधा व सेवा के लिए शिविर लगाया है । आज ही से तिलवारी में एक सप्ताह तक चलने वाला मेला शुरू हो गया है । कहा जाता है कि भगवान् राम को मनाने गए भरत जब अयोध्या वापस आ रहे थे तो इसी जगह उन्होंने स्रान किया था। इसका वर्णन गोस्वामी तुलसीदास ने राम चरित मानस में किया है और लिखा कि सई उतरि गोमती नहाये , चौथे दिवस अवधपुर आये । एक और मान्यता है कि जब भगवान राम लंका से अयोध्या आ रहे थे तो पलभर तिलवारी में रुके थे , वहीं से हनुमानजी भरत को सूचना देने अयोध्या गए थे की राम चन्द्रजी आ रहे हैं ,तभी से इस जगह का नाम तिलवारी पड़ गया है ।