लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिन से मानसून के फिर से सक्रिय होने और तेज बरसात के कारण गंगा नदी प्रयागराज से बलिया तक खतरे के निशान को पार कर गई है जबकि पिछले 24 घंटों में पूर्वी उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई। जल आयोग की सूचना के अनुसार मघ्यप्रदेश और राजस्थान में लगातार बरसात और बांघों से पानी छोडे जाने से प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी के किनारे बसे लोगों की परेशानी और बढा दी है।जिला प्रशासन ने रात में नावों के संचालन पर रोक लगा दी है।
कल मंगलवार को राजस्थान के घौलपुर से चंबल में 21 लाख क्यूसेक और कोटा से पांच लाख क्यूसेक पानी छोडा गया । बाढ का पानी निचले इलाकों में रहने वालों के घरों में घुस गया है । जिला प्रशान ने सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया । आपदा प्रबन्धन की टीमें लगातार लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज रही हैं। बलिया के बैरिया इलाके में रिंग बांध टूटने से हजारों लोग सडकों पर रहने को मजबूर हैं। गंगा के लगातार बढने से गाजीपुर में एक सौ से ज्यादा गांवों के लोग संकट में फंसे हैं। मिर्जापुर में भी करीब 500 गांव बाढ की चपेट में हैं ।