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मजीठिया वेतन आयोग की फारिशों को लागू करने में कोताही बदर्शत नहीं : मोर्य

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 17 2019 12:58AM | Updated Date: Sep 17 2019 12:58AM
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मजीठिया वेतन आयोग की  सिफारिशों को लागू करने में कोताही बदर्शत नहीं की जायेगी। मौर्य सोमवार को यहां बापू भवन सचिवालय में पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों के के लिए गठित भजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने तथा विचार-विमर्श के लिए गठित त्रिपक्षीय समिति की बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी समाचार एजेंन्सियों और सेवायोजित पत्रकार समजंस्य बनाकर सौहार्दयपूर्ण वातावरण में एक परिवार की तरह रहे और आपसी विवादों व समस्याओं का निस्तारण में मिल बैठ कर करे तो न्यायालायों में जाने की जरूरत ही न पड़े।
 
उन्होंने कहा कि दोनों संगठन एक दूसरे के हितों की अनदेखी कर वेवजह आरोप-प्रत्यारोप न लगाये। श्रम विभाग पर वेजबोर्ड के संबंध में न्यायालयों के आदेशों का पालन कराने का दायित्व है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा किसी को प्रताड़ित करने की नहीं है। न तो इन्स्पेक्टर राज चलाने की है। सरकार चाहती है कि औद्योगिक प्रतिष्ठान भी चले और सेवायोजित कर्मचारियों के हितों की रक्षा हो। श्रम मंत्री ने कहा कि दोनों संगठन विवादों के निस्तारण को अपनी दैनिक गतिविधियों में शामिल करे। विवाद की स्थिति पैदा ही न हो इसकी चिंता करे और शांतिपूर्ण माहौल में कार्य करे।
 
मैं इसकी अपील करता हॅू कि मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशों के अनुरूप ही सेवायोजक और कर्मचारी कार्य करे। बैठक में समस्त अपर एवं उपश्रमायुक्त को निर्देशित किया है कि पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों के औद्योगिक विवादों एवं क्लेम वादों का निस्तारण उच्चतम न्यायालय के आदेशों के क्रम में मजीठिया वेतन आयोग की सेवा-शर्तो एवं सिफारिशों के आधार पर तत्काल किया जाये। इसमें किसी प्रकार की कोताही बदर्शत नहीं कि जायेगी।  उन्होंने कहा कि जहां भी आवश्यक हो संबंधित संस्थान को वसूली प्रमाण पत्र जारी किया जाये तथा क्लेम से सबंधित विवाद श्रम न्यायालय को संदर्भित किया जाये। उन्होंने सभी संस्थानों को इम्प्लायी रजिस्टर रखने के भी निर्देश दिये। बैठक में मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशों को प्रदेश में लागू कराने के लिए पत्रकार प्रतिनिधियों में मुदित माथुर, हसीम सिद्दिकी, योगेश कुमार गुप्ता, लोकेश त्रिपाठी तथा यूएनआई के त्यागी ने पत्रकारों तथा गैर पत्रकार कार्मिकों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।
 
उन्होंने कहा कि वेतन आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी को लागू नहीं किया जा रहा है तथा निर्धारित मानदेय मांगने पर कर्मचारियों एवं पत्रकारों का उत्पीड़न किया जा रहा है। श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा सेवायोजनों के कार्यालयों को निरीक्षण नहीं किया जाता। उन्होंने मांग की कर्मचारियों को वेतन चेक के माध्यम से दिया जाये। समाचार एजेंसियों की श्रेणी बद्धता की जाये तथा पत्रकारों के वादों का शीघ्र निपटारा कराया जाये। बैठक में प्रतिनिधियों में हिन्दुस्तान टाइम्स के राकेश शर्मा ने कहा कि मजीठिया वेतन आयोग की आड़ में पत्रकारों एवं कर्मचारियों ने संस्थानों पर वेबुनियाद आरोप लगाये है। इस समय अखबार छापने वाली कम्पनियां मजीठिया वेतन आयोग के कारण नहीं चल पा रही और वित्तीय संकट से गुजर रही है। बैठक में प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन  सुरेश चन्द्रा, विशेष सचिव सूचना, अपर श्रमायुक्त व उपश्रमायुक्त के साथ समाचार एजेंसियों और पत्रकारों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। 
 
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