गांधीनगर। अपनी खास मगर कड़क कार्यशैली के लिए जाने जाने वाले गुजरात के पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने जिलों में स्थानीय अपराध शाखा यानी लोकल क्राइम ब्रांच अथवा एलसीबी में पुलिस की नियुक्ति के लिए राज्य में पहली बार एक निर्देशिका यानी गाइडलाइन जारी की है और कहा है कि इससे पुलिस अधीक्षकों के चहेते अधिकारियों की इसमें नियुक्ति की प्रवृत्ति पर रोक लग सकेगी और केवल योग्य पुलिसकर्मी ही इसमें रहेंगे। उन्होंने मीडिया या सोशल मीडिया में छा जाने की प्रवृत्ति वाले पुलिसकमिर्यों को इससे दूर रखने की ताकीद की है।
गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रिय पुलिस अधिकारी माने जाने वाले झा के कार्यालय से आज जारी बयान में कहा गया है कि एलसीबी बहुत महत्वपूर्ण एजेंसी होती है पर इसके कामकाज और इसमें अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए आज तक कोई स्पष्ट रूपरेखा अथवा नियम नहीं थे। इसके चलते अधिकतर जिले के एसपी के गुडबुक में रहने वाले पुलिसकर्मी ही इसमें नियुक्त होते रहते थे। पर अब इस पर रोक के लिए डीजीपी ने एक खास परिपत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि एलसीबी मुख्य रूप से गंभीर और हल नहीं हो पाये अपराधों को देखेगी।
इसके अलावा फरार अपराधियों को पकड़ने, हत्या के अनसुलझे मामलों, चिन्हित न हो पाये शवों, लापता हो गये नाबालिग लड़के लड़कियों के मामले और अपराधियों की कार्यशैली का पता लगाने और हिस्ट्रीशीटर बदमाशों का डाटा बेस तैयार करने जैसे काम भी देखेगी। परिपत्र में कहा गया है कि यह अन्य गंभीर अपराधों जैसे हथियारों, मादक पदार्थों की बरामदगी, महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध अपराध, साइबर अपराध और पासपोर्ट अधिनियम के तहत आने वाले मामलों की भी जांच करेगी। ऐसे मामलों में पुलिस इंस्पेक्टर स्वयं घटनास्थल पर जायेंगे।
इसमें यह भी कहा गया है कि इसमें सात वर्ष से अधिक अनुभव वाले पुलिस इंस्पेक्टर तथा पांच वर्ष से अधिक अनुभव वाले सब इंस्पेक्टर की ही नियुक्ति होगी। इसके अलावा इसमें गुप्त सूचना देने वाला का नेटवर्क रखने वाले, क्षेत्र की भौगोलिक और सामाजिक परिस्थिति से वाकिफ और अपराधों की जांच और कानून का पूरा ज्ञान रखने वाले अधिकारियों और कर्मियों को ही नियुक्त करने को कहा गया जो मीडिया या सोशल मीडिया में छा जाने की वृत्ति न रखता हो और साफ सुथरी छवि वाला हो।