बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में महापौर डा उमेश गौतम और नगर आयुक्त सैमुअल पॉल एन के बीच पिछले करीब दो महीने से चल रहा शीत युद्ध चरम आ गया है। डा उमेश गौतम और 25 पार्षदों समेत 50 लोगों के खिलाफ कोतवाली में सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में एफ आई आर दर्ज कराई गयी है। साथ ही महापौर के खिलाफ मोर्चाबंदी करते हुए निगम कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे। नगर निगम में अफसरों एवं जनप्रतिनिधियों के बीच चल रही रार एक कदम और बढ़ गई। सोमवार को महापौर को पर्यावरण अभियंता एवं प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी संजीव प्रधान पर ऐसा गुस्सा आया कि उन्हें तलाशते हुए नगर आयुक्त के कक्ष में पहुंच गए और वहां खड़े अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए खरी-खोटी सुनाई और खींचकर बाहर ले आये।
नगर आयुक्त ने हस्तक्षेप किया तो उन पर भी बरस पड़े। संजीव को जबरन उनके कार्यालय तक ले गए। उन्होंने अभद्रता करने, जबरन पकड़कर ले जाने, जबरन सरकारी कागजातों पर हस्ताक्षर कराने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले में महापौर व 25 पार्षदों समेत 50 के खिलाफ मुकदमा कराया गया है। अधिकृत सूत्रों ने बताया कि वार्ड 65 सुरेश शर्मा नगर क्षेत्र से नगर निगम की टीम ने चार दिन पहले दो लोगों की एक-एक गाय पकड़ ली थी। पार्षद नरेश पटेल ने महापौर डा गौतम से गाय छुड़वाने की मांग की तो उन्होंने प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी (मूल पद पर्यावरण अभियंता) संजीव प्रधान को 1500 रुपये शुल्क लेकर गाय छोड़ने के निर्देश दिए। बावजूद इसके गाय नहीं छोड़ी गई।
सोमवार को दोपहर महापौर पार्षदों के साथ नगर स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में पहुंच गए। कंप्यूटर ऑपरेटर को शुल्क की रसीद नहीं काटने पर हड़काया। प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी के नहीं मिलने पर सीधे नगर आयुक्त कक्ष में पहुंचे। वहां बैठे प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी पर जमकर बरसे। फिर हाथ पकड़कर उनके कार्यालय में खींच लाए। कार्यालय में उनसे तत्काल शमन शुल्क काटने को कहा। हंगामे की सूचना पर सीओ प्रथम के साथ बड़ी संख्या में पुलिस पहुंच गई। नगर आयुक्त और महापौर से विवाद उस समय शुरू हुआ जब वेडिंग जोन में दुकान वितरण में धांधली की बात कहते हुए जून में नगर आयुक्त ने एक पार्षद पर मुकदमा लिखाया गया। पाल एन, ने कहा ‘‘ हमारे कक्ष में जो कुछ भी हुआ उस बारे में शासन को अवगत करा दिया जाएगा।
जिन लोगों ने अभद्रता की है, उनके खिलाफ एफआईआर कराए गयी है।’’ वहीं डा गौतम ने कहा ‘‘ पार्टी हाईकमान को बताया है कि अफसर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। जिस का विरोध करने पर उन पर एफआईआर दर्ज हुई है। नगर निगम में महापौर की दबंगई को लेकर सारा स्टाफ लामबंद हो गया है। श्री प्रधान केसाथ हुई घटना को लेकर तमाम अधिकारी और कर्मचारी एक जुट हो गए। महापौर के खिलाफ मंगलवार को जमकर कर्मचारियों ने नगर निगम में जमकर नारेबाजी की।