भोपाल। मध्यप्रदेश के जनजातीय कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने आज ने पुलिस विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनूसूचित जनजाति वर्ग की समस्याओं का निराकरण अपनत्व और संवेदनशीलता से किया जाना चाहिये। मरकाम ने यहां मिन्टो हॉल में 'अजा-अजजा वर्ग के प्रति संवेदनशीलता' विषयक दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश के विकास में सामान्य वर्गो की तरह इन वर्गो का भी हमेशा महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
मरकाम ने कहा कि देश में स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक हुए विकास में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के त्याग और बलिदान को प्रदेश की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता। उन्होंने पुलिस महकमे से अपेक्षा की कि अगर इन वर्गो की समस्याओं का निराकरण करते समय इनकी आवश्यकताओं के बारे में आप इंसानियत के नाते सोच कर फैसला करेंगे, तो आपसे कभी गलती नहीं होगी।
उन्होंने वर्तमान सामाजिक वातावरण को शायराना अंदाज में बताते हुए कहा कि 'काँच में पारा लगा दो तो आईना बन जाता है, व्यक्ति को आईना दिखा दो तो पारा चढ़ जाता है'। उन्होंने कहा कि इस सोच को बदलना होगा। तभी हम इन वर्गो को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में सफल होंगे।