लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और नाकरोटिक्स कंट्रोल ब्यूरों की टीम ने संयुक्त रुप से कार्रवाई करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को मंगलवार शाम लखनऊ से गिरफ्तार कर उनके पास से 3.3 किलोग्राम हेरोईन बरामद की, जिसकी कीमत लगभग 3.3 करोड़ रूपये आंकी गई है। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने यहां यह जानकारी दी। उन्होने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह के सदस्य गोल्डल टैंगिल ,थाईलैण्ड, लाओस एवं म्यममार में उत्पादित की जा रही अफीम से भिन्न-भिन्न प्रकार के मादक पदार्थ तैयार करके मुख्य रूप से हेरोइन की तस्करी मणिपुर, इम्फाल के रास्ते से भारत के कई प्रदेश में की जा रही है।
अफगानिस्तान के बाद म्यममार दूसरा सबसे बड़ा अफीम उत्पदान क्षेत्र है। इस सूचना को विकसित करने के लिए एसटीएफ की टीमें लगाई गई थी। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में सूचना मिली कि मणिपुर के रास्ते उत्तर प्रदेश में हेरोईन बड़ी मात्रा में लायी जा रही है, जिसमें मणिपुर के तस्कर शामिल हैं। सटीक सूचना पर एसटीएफ और नाकोटिक्स कंट्रोल ब्यरो की संयुक्त टीम फैजाबाद रोड पर बाबू बनारसी दास, इंजीनियंरिंग कालेज के पास पहुंकर फैजाबाद की और से आने वाले वाहनों की निगरानी करने लगे, इस बीच शाम करीब चार बजे बताये गये
नम्बर की कार को घेरकर टीम ने रोक लिया और उसपर सवार तीनों तसकरों मो0 रफीउददीन उर्फ आयाज खान निवासी क्वाटका सेबला जिला विशनपुर के अलावा, मो0 आरिफ खान और नवाजखान को दबोच लिया गया और उनकी कार से 3.3 किलोग्राम हेरोईन के अलावा अन्य कागजात आदि बरामद किए गये । सिंह ने बताया कि गिरफ्तार तस्कर मो0 रफीउददीन और उसके साथियों ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना मणिपुर निवासी सरताज है, जो अलग-अलग जगहों पर हेरोईन भेजता है। पकड़ी गई हेरोइन की डिलेवरी इन लोगों को रामपुर में देनी थी। सरताज जहाँ पर बताता ये तस्कर उसकी स्थान पर रूकते जाता और लेने वाला व्यक्ति वहीं पर मादक पदार्थ लेकर जाता। यहां के तस्करों से सीधे तौर पर बात सरताज से बात होती है। उन्होंने बताया कि पकड़े गये तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।