भारतीय ज्योतिष के अनुसार पन्ना रत्न, बुद्ध ग्रह का प्रमुख रत्न है। संस्कृत में इसे मरकत मणि, फारसी में जमरन और अंग्रेजी में एमराल्ड कहा जाता है। पन्ना का रंग हल्का से गहरा हरा होता है। बुद्ध गृह का रत्न पन्ना धातु है। पन्नाधरण करने से बहुत लाभ होता है। बुद्ध की दो राशियाँ मिथुन और कन्या होती हैं। इसे धारण करने से अनिश्चितता निश्चितता में बदल जाती है। स्टूडेंट अगर इसे धारण करते हैं तो बुद्धि तेज हो जाती है। वाणी, व्यापार और युवा आदि का कारक बुद्ध होता है। ज्योतिष के अनुशार प्रकृतिक कुंडली मे मिठन का स्थान तृतीय भाव का तथा कन्या का छठा भाव होता है। पन्नाधरण करने से बहुत लाभ होता है। उच्च कोटि का पन्ना जाम्बिया तथा स्कॉट्लैंड की खानों से निकला जाता है। इसका रंग हलके तोतिये से लेकर गाड़े हरे रंग तक होता है।असली पन्ने में काले रंग के हलके रेशे स्पष्ट होते है।
पन्ना धारण करने के लाभ
पन्ना का सीधा संबंध बुद्ध से है और बुद्ध स्मरण शक्ति को अधिक प्रभावित करता है। इसलिए कम स्मरण शक्ति वालो को पन्ना धारण करना चाहिए। रोगियों के लिए पन्ना बलवर्धक, अरोग्यदायक और सुख देने वाला होता है। जिस घर में पन्ना होता है वहां अन्न-धन की वृद्धि, सुयोग्य संतान और भूत प्रेत की बाधा शांत होती है। सांप का भय भी नहीं रहता। नेत्र रोगों के लिए पन्ना बहुत लाभदायक है। इस रत्न को पांच मिनट सुबह सुबह एक गिलास पानी में घुमाएं और फिर आंखों पर वो पानी छिड़का जाए तो आंखों को लाभ मिलता है।
यह अच्छी सेहत व धन संबंधी मामलों के लिए अच्छा होता है और जीवन में खुशियों को बरकरार रखता है। पन्ना में जहरीले तत्वों व विषाणु से लड़ने की भी क्षमता होती है और इसे धारण करने से सर्प दंश की संभावना भी कम हो जाती है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी होता है क्योंकि इसे धारण करने से उन्हें प्रसव के समय ज्यादा तकलीफ नहीं होती है। यह मानसिक तनाव को भी कम करता है और रक्तचाप सामान्य बनाये रखता है। यदि पन्ना रत्न आपको उपहार में दिया गया है, तो यह अच्छे भाग्य का कारक होता है, विशेषकर मिथुन और कन्या राशि के लोगों के लिए। वे लोग जो बोलने में हकलाते हैं उनके लिए पन्ना रत्न धारण करना लाभकारी होता है। यदि आप एक वक्ता हैं और पन्ना धारण करते हैं, तो आपकी भाषा और वाणी में और निखार आएगा।
कब और कैसे करें धारण
पन्ना बुधवार के दिन अश्लेषा, ज्येष्ठा या रेवती, नक्षत्र हो उस दिन सूर्योदय से लगभग 10 बजे तक पन्ना पहन सकते हैं। पन्ना हमेशा सोने में शुभ घड़ी में बनाकर ही पहनें। पन्ना कम से कम तीन कैरेट का होना चाहिए और उससे अधिक हो तो उत्तम रहेगा।
व्यापार मे लाभ के लिए पन्ना लाभकारी है।
बच्चो की अच्छी पढ़ाई के लिए पन्ना धारण करना आवश्यक है।
पन्ना को चाँदी के लॉकेट मे धारण करना चाहिए।
यदि बुद्ध की महादशा तथा यह कुंडकी के आठवे या बारहवे भाव मे स्थित हो तों पन्ना नहीं पहनना चाहिए।