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Astrology

इस मोती को पहनने से दूर होगी आपकी हर परेशानी - जानें इसके नियम

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 30 2019 12:01PM | Updated Date: Jul 30 2019 12:02PM
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रत्न विज्ञान में मोती का बहुत महत्व है। मोती गोल और लंबे आकार का होता है, जिसका रंग तेजस्वी सफेद हो तथा उसमें लाल रंग के ध्वज के आकार का सूक्ष्म चिह्न हो तो ऐसे मोती को धारण करने से धारण करने वालों को राज्य की ओर से लक्ष्मी का लाभ होता है।
 
 वैसे तो चंद्रमा के क्षीण होने पर मोती पहनने की सलाह दी जाती है मगर हर लग्न के लिए यह सही नहीं होता है। ऐसी राशि जिनमें चंद्रमा शुभ स्थानों (केंद्र या त्रिकोण) का स्वामी होकर निर्बल हो, ऐसे में ही मोती पहनना लाभदायक होता है। अन्यथा मोती भयानक डिप्रेशन, निराशावाद और आत्महत्या तक का कारक बन सकता है।
 
लग्न कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थानों का स्थायी हो यदि, 6, 8, या 12 भाव में चंद्रमा हो तो मोती पहनें।
नीच राशि (वृश्चिक) में हो तो मोती पहनें।
चंद्रमा राहु या केतु की युति में हो तो मोती पहनें। 
चंद्रमा पाप ग्रहों की दृष्टि में हो तो मोती पहनें।
चंद्रमा क्षीण हो या सूर्य के साथ हो तो भी मोती धारण करना चाहिए।
चंद्रमा की महादशा होने पर मोती अवश्य पहनना चाहिए।
चंद्रमा क्षीण हो, कृष्ण पक्ष का जन्म हो तो भी मोती पहनने से लाभ मिलता है।
 
मोती की विशेष बातें - 
रत्न 84 प्रकार के होते हैं। उनमें से मोती भी विशेष महत्व को दर्शाता है।
चंद्रमा के बलि होने से न केवल मानसिक तनाव से ही छुटकारा मिलता है अपितु कई प्रकार की बिमारियों जैसे पथरी, पेशाब तंत्र की बीमारी, जोड़ों का दर्द आदि से भी राहत मिलती है।यदि चंद्रमा लग्न कुंडली में अशुभ होकर शुभ स्थानों को प्रभावित कर रहा हो तो ऐसी स्थिति में मोती धारण न करें।
 ऐसी परिस्थिती में -
सफेद वस्तु का दान करें।
शिव की पूजा करें।
हाथ में सफेद धागा बांधे व चांदी के गिलास में पानी पिएं।
 
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