सूर्य की दशम भाव में स्थिति जातक के लिए लाभदायक होती है। जातक को सरकारी नौकरी, सरकारी विभागों से सहयोग, राजनीति, कला, मेडिकल लाइन इत्यादि में लाभ दिलाती है। अतः माणिक्य धारण करना लाभकारी होता है।
चलिए जानते है विभिन्न लग्नों की कुण्डलियों में इसके धारण करने क्या फल होता है
माणिक्य
माणिक्य धारण करने से कारोबार में वृद्धि होती है
मेष लग्न-सूर्य पंचमेश होकर दशम भाव में मकर राशि में स्थिति होता है। अतः माणिक्य धारण करने से कारोबार में वृद्धि होती है तथा यश, मान-सम्मान भी मिलता है। वृष लग्न-सूर्य चतुर्थेश होकर दशम भाव में कुम्भ राशि में स्थिति होती है। माणिक्य धारण करने से जमीन जायदाद आदि सम्पत्ति में वृद्धि होती है। अतः माणिक्य पहनने लाभकारी परिणाम मिलेंगे।
मिथुन लग्न-सूर्य तृतीयेश होकर दशम भाव में मीन राशि में स्थित होता है। अतः जातक अपनी मेहनत से अपना भाग्य निर्माण करने में सफलता प्राप्त करता है। माणिक्य पहनने से शुभ परिणाम प्राप्त होते है।
कर्क लग्न-सूर्य द्वितीयेश होकर दशम में उच्च राशि में मेष में स्थित होता है। माणिक्य धारण करने से जातक की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है तथा नौकरी व कारोबार में तरक्की मिलती है।
सिंह लग्न-सूर्य लग्नेश होकर दशम भाव में वृष राशि में स्थित होता है। माणिक्य धारण करना हर पक्ष से लाभदायक साबित होता है। माणिक्य धारण करने से कुछ लोगों को राज्य से लाभ होता है।सूर्य द्वादशेश होकर दशम भाव में कर्क राशि में स्थित होता है। सोच-समझकर ही माणिक्य धारण करें
कन्या लग्न-सूर्य द्वादशेश होकर दशम भाव में कर्क राशि में स्थित होता है। अतः सोच-समझकर ही माणिक्य पहनने। लाभ और हानि दोनों हो सकते है।
तुला लग्न-सूर्य लाभेश होकर दशम भाव में स्थित होता है, अतः माणिक्य धारण करना लाभदायक है। मित्रों, सरकारी अधिकारियों, मंत्रियों से लाभ होता है।
वृश्चिक लग्न-सूर्य दशम भाव का मालिक होकर दशम भाव में स्थित होता है। यह स्थिति बहुत अच्छी मानी जाती है। माणिक्य धारण करके अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। चुनाव लड़ने वाले लोगों को सफलता मिलती है।
धनु लग्न-सूर्य भाग्येश होकर दशम भाव में कन्या राशि में स्थित होता है, अतः माणिक्य धारण करने से कारोबार में स्वतः ही वृद्धि होने लगती है।
माणिक्य सोच-समझकर धारण करें
शादी के बाद उन्नति होती है...
मकर लग्न-सूर्य अष्टमेश होकर दशम भाव में नीच राशि तुला में होता है। मेडिकल लाइन से जुड़े लोगों के लिए यह सूर्य अच्छा होता है। अन्य लोगों के लिए माणिक्य धारण करना उतना लाभकारी नहीं होता है।
कुम्भ लग्न-सूर्य सप्तमेश होकर दशम भाव में मित्र राशि वृश्चिक में स्थित होगा। अतः माणिक्य धारण से कारोबार में वृद्धि होगी, प्रमोशन होगी। ऐसे जातकों की शादी के बाद उन्नति होती है।
मीन लग्न-सूर्य षष्ठेश होकर दशम भाव में धनु राशि में स्थित होगा, जातक जिन्दगी भर नौकरी करता रहेगा। अतः माणिक्य सोच-समझकर धारण करें।