मुंबई। अमेरिका और चीन द्वारा आयात शुल्क का 'व्यापार युद्ध' के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने से आशंकित निवेशकों की बिकवाली के दबाव में घरेलू शेयर बाजार शुरुआती बढ़त खोते हुए बुधवार को गिरावट में बंद हुए। शेयर बाजार चालू वित्त वर्ष के तीन दिन के कारोबार में पहली बार लुढ़का है। विदेशी बाजारों से मिले कमजोर संकेतों से बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 351.56 अंक की गिरावट में 33,019.07 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 116.60 अंक की गिरावट में 10,128.40 अंक पर बंद हुआ। विश्लेषकों के मुताबिक, मौजूदा वैश्विक परिदृश्य जोखिम भरे निवेश के प्रतिकूल बन गया है। एक तरफ आयात शुल्क को लेकर चीन और अमेरिका जैसी दो आर्थिक महाशक्तियां टकरा रही हैं तो दूसरी तरफ फेसबुक, अमेजन और एप्पल जैसी कंपनियां दबाव में हैं। फेसबुक यूजर्स डाटा चोरी को लेकर सुर्खियों में है तो अमेजन पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टेढ़ी नजर है। एप्पल अपने नये आईफोन की कमजोर बिक्री से परेशान है और गूगल के पास कोई नया उत्पाद नहीं है। टेक कंपनियाँ शेयर बाजार में काफी हिस्सेदारी रखती हैं और उनकी गिरावट वैश्विक बाजारों के साथ-साथ घरेलू शेयर बाजार के लिए भी घातक है।
शुरुआती कारोबार में आॅटो के अलावा रियल्टी और इंडस्ट्रियल्स के सूचकांक भी बढ़त में थे, लेकिन चीन द्वारा अमेरिका के 106 उत्पादों पर 25 फीसदी का आयात शुल्क लगाने की घोषणा के बाद आॅटो के अलावा अन्य सभी 19 समूहों के सूचकांक लुढ़क गये। निवेशकों को आशंका है कि आने वाले समय में अमेरिका और चीन की यह लड़ाई वैश्विक व्यापार युद्ध की शक्ल ले लेगी। निवेशक साथ ही रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के मद्देनजर भी सर्तकता बरत रहे हैं।
सेंसेक्स गत दो दिनों की बढ़त को बरकरार रखते हुए 56.89 अंक की तेजी में 33,437.52 अंक पर खुला। कारोबार के शुरुआती घंटों में ही यह 33,505.53 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। लेकिन, चीन द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने की घोषणा के साथ ही यह लुढ़कता हुआ 33,000 अंक के आँकड़े के नीचे उतरकर 32,972.56 अंक के दिवस के निचले स्तर पर आ गया। यह अंतत: गत दिवस की तुलना में 1.05 प्रतिशत टूटकर 33,019.07 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की मात्र पाँच कंपनियाँ हरे निशान में टिक पायीं। शेष 25 कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही।