मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से घरेलू शेयर बाजारों में गुरुवार को चौतरफा बिकवाली देखी गयी और बीएसई का सेंसेक्स 470.41 अंक यानी 1.29 प्रतिशत टूटकर 01 मार्च के बाद के निचले स्तर 36,093.47 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 36 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे उतर गया था। पिछले साढ़े छह महीने में यह पहला मौका है जब सूचकांक 36 हजार से नीचे उतरा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 135.85 अंक यानी 1.25 प्रतिशत की गिरावट में 10,704.80 अंक पर आ गया जो 19 फरवरी के बाद का इसका निचला स्तर है।
मझौली और छोटी कंपनियों पर भी दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप 1.15 प्रतिशत लुढ़ककर 13,285.34 अंक पर और स्मॉलकैप 1.48 प्रतिशत टूटकर 12,703.27 अंक पर बंद हुआ। बिकवाली का जोर इस प्रकार रहा कि बीएसई में जिन 2,628 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ उनमें 1,790 के शेयर गिरावट में और 722 के बढ़त में बंद हुये जबकि 116 कंपनियों के शेयर दिन भर के उतार-चढ़ाव के बाद अंतत: अपरिवर्तित बंद हुये।
सेंसेक्स की कंपनियों येस बैंक के शेयर सबसे ज्यादा 15.52 प्रतिशत टूटे जबकि टाटा मोटर्स में 1.97 फीसदी की तेजी रही। सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको के दो संयंत्रों पर हुये ड्रोन हमले के बाद उसके तेल भंडार में गिरावट की आशंका से कच्चे तेल के दाम आज तीन प्रतिशत तक बढ़ गये। इससे ऊर्जा और तेल एवं गैस समूहों की कंपनियों पर सबसे ज्यादा दबाव रहा।
बैकिंग, धातु, रियलिटी और बुनियादी वस्तुओं के सूचकांक भी डेढ़ फीसदी से अधिक टूटे। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के भारतीय पूँजी बाजार से पैसा निकालने से भी घरेलू शेयर बाजार पर दबाव बढ़ा। एफपीआई ने आज 13.07 करोड़ डॉलर के शेयरों की बिकवाली की।