नई दिल्ली। हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), मारुति सुजुकी और कोटक महिंद्रा बैंक जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय हो सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की तिथि की वजह से सप्ताह के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि कराधान मुद्दों, कमजोर तिमाही नतीजों तथा उपभोग में कमी की वजह से बाजार की कुल धारणा कमजोर बनी हुई है। सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को कर के मोर्चे पर किसी तरह की राहत से इनकार किया है। इससे शुक्रवार को बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में इस साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट आई।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘सोमवार को शुरूआती कारोबार में बाजार के लोग रिलायंस और एचडीएफसी बैंक जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों को ध्यान में रख कर अपनी चाल तय करेंगे। हालांकि, बाजार के सामने घरेलू और वैश्विक मोर्चे पर कई चुनौतियां भी हैं। आगे के सत्रों में बाजार में गिरावट का सिलसिला बना रह सकता है।’ रिलायंस इंडस्ट्रीज के जून तिमाही के नतीजे शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद आए हैं। समीक्षाधीन तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध लाभ 6.8 प्रतिशत बढ़कर 10,104 करोड़ रुपए रहा है। शनिवार को एचडीएफसी बैंक का अप्रैल-जून तिमाही का परिणाम आया है। तिमाही के दौरन उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 18.04 प्रतिशत बढ़कर 5,676.06 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। एक्सिस सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण ठुकराल ने कहा, ‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व की 30-31 जुलाई को होने वाली बैठक, मानसून की प्रगति तथा विभिन्न कंपनियों के तिमाही नतीजों की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा।’