भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने आज कहा कि सोशल मीडिया में विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की जो सूची वायरल हो रही है, वह कांग्रेस की नहीं है और अभी तक प्रत्याशियों की कोई भी सूची जारी नहीं हुई है। ओझा ने यहां मीडिया से चर्चा में आरोप लगाया कि यह सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की 'डर्टी पालिटिक्स' का हिस्सा हो सकता है। उनका कहना है कि भाजपा ने लोगों को भ्रमित करने के लिए यह सूची सोशल मीडिया पर वायरल करायी होगी। इस सूची का कांग्रेस पार्टी से कोई लेनादेना नहीं है। ओझा ने कहा कि पार्टी की अधिकृत सूची अभी नहीं आयी है।
जब भी सूची आएगी तो उसमें पार्टी की सील बगैरह भी होगी। वहीं ग्वालियर से मिले समाचार के अनुसार वरिष्ठ पार्टी ज्योतिरादित्य ंिसधिया ने मीडिया से कहा कि यह सूची फर्जी है। अभी तक प्रत्याशियों के नाम तय नहीं हुए हैं। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की और बैठक होगी, इसके बाद प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम मोहर लगेगी। वहीं भाजपा नेता हितेश वाजपेयी ने यहां मीडिया से कहा कि इस सूची से भाजपा का भी कोई लेनादेना नहीं है। यह कांग्रेस की ही 'डर्टी पालिटिक्स' और गुटबाजी का नतीजा है। उनका दावा है कि कांग्रेस के ही एक धड़े ने इस सूची को जारी किया है। सोशल मीडिया में सभी 230 विधानसभा सीटों के लिए
कांग्रेस के प्रत्याशियों की कथित सूची वायरल हो रही है। इसमें हालाकि किसी के दस्तखत नहीं हैं। इस सूची के जारी होने के बाद कांग्रेस के नेताओं को सफाई देना पड़ रही है। इसके पहले कल दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुयी, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया और अन्य नेता भी शामिल हुए। इस बैठक के बाद श्री कमलनाथ ने कहा था कि अभी प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हुयी। नाम तय नहीं हुए हैं। उनका कहना था कि प्रत्याशियों की सूची इस माह के अंत तक आने की संभावना है। राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकनपत्र दाखिले का काम दो नवंबर को शुरू होगा, जो नौ नवंबर तक चलेगा। इस तरह सभी दलों को नवंबर माह के पहले सप्ताह तक अपने प्रत्याशी घोषित करना ही पड़ेंगे। सत्तारूढ़ दल भाजपा प्रत्याशियों की सूची भी अक्टूबर माह के अंत या नवंबर माह की शुरूआत में आने की संभावना है।