गांधीनगर। गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को साल 2002 के नरोदा पटिया दंगा मामले में फैसले का ऐलान कर दिया है। न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और ए एस सुपेहिया की एक खंडपीठ ने सुनवाई के बाद पिछले अगस्त में आदेश सुरक्षित कर लिया था। आज बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी बाबू बजरंगी को दोषी करार दिया है। बाबू बजरंगी को कोर्ट ने आजीवन कारावास (मृत्यु तक) की सजा सुनाई है।
वहीं, पूर्व मंत्री माया कोडनानी को इस मामले में निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया है। बाबू बजरंगी को अब मृत्यु तक जेल में ही रहना होगा। बाबू बजरंगी के अलावा इस मामले में आरोपी किशन कोरणी, मुरली नारणभाई सिंधी और सुरेश लंगाडो को भी दोषी करार दिया गया है। वहीं, विक्रम छारा और गणपति छानाजी छारा को निर्दोष करार दिया गया है।
बता दें कि अगस्त 2012 में, एसआईटी मामलों के लिए एक विशेष अदालत ने भारतीय जनता पार्टी सरकार में मंत्री रही माया कोडनानी सहित 32 लोगों की सजा सुनाई, जिसमें उन्हें कारावास की सजा सुनाई गई थी। कोडनानी को 28 साल की कारावास की सजा सुनाई गई थी। एक अन्य हाई प्रोफाइल अभियुक्त, बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को मौत तक के लिए कारावास दिया गया था। सात आरोपियों को 21 साल की तक कारावास दिया गया, जो वे आईपीसी की धारा 326 के तहत 10 साल की कारावास के बाद पूरा करेंगे।