भिंड। मध्यप्रदेश के भिंड जिले के बरासों थाना क्षेत्र के ग्राम गढपारा में मजदूरी नहीं मिलने से एक परिवार की दो वर्षीय एक बच्ची की इलाज के अभाव में मौत हो गई है। बताया गया है कि शिवपुरी के खनियाधाना क्षेत्र के धर्मपुरा गांव से 11 आदिवासी परिवारों के 21 मजदूरों को लाया गया। मजदूरों को लेकर आए संग्राम सिंह भदौरिया ने मजदूरों से फसल कटवाई लेकिन मजदूरी नहीं दी। ऐसे में एक परिवार में 2 साल की बच्ची बीमार हो गई। बच्ची के पिता के पास कुल जमा 20 रुपए थे, जो बच्ची को दूध पिलाने पर खर्च कर दिए।
इलाज के लिए पैसे नहीं थे। यह लोग चुपचाप शिकायत करने कलेक्ट्रेट आए। कलेक्टर इलैया राजा टी ने 2 दिन से भूखे मजदूर परिवारों को पहले भोजन कराया। बच्ची को इलाज के लिए जिला अस्पताल भिजवाया, लेकिन इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड दिया। भिण्ड के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व संतोष तिवारी अब पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। एसडीएम का कहना है उन्होंने बच्ची की मौत पर उसके माता-पिता को 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी है।
साथ ही संग्राम सिंह से सभी आदिवासी परिवारों की 20 दिन की मजदूरी 220 रुपए प्रतिदिन मजदूरी के हिसाब से दिलवाई है। अब सभी 11 परिवारों को रैन बसेरा में शिफ्ट किया गया है। यहां प्रशासन की ओर से इनके भोजन का इंतजाम किया गया है। सभी मजदूरों को सुरक्षित उनके गांव भिजवाने की व्यवस्था कराई जा रही है। पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने बताया कि मजदूरों से फसल कटवाने के बाद उनकी मजदूरी नहीं देना गंभीर मामला है। पैसों के अभाव में मासूम बच्ची का समय पर इलाज नहीं करवाने के कारण उसकी मौत हो जाने पर गढपारा के संग्राम सिंह के खिलाफ बरासों थाना पुलिस ने अनुसूचित जनजाति उत्पीडन, श्रम अधिनियम व आईपीसी की धाराओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।