लातूर। महाराष्ट्र के लातूर जिले में कर्ज ना चुका पाने के चलते 48 साल के दलित व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मामला लातूर के रेनापुर इलाके का है। जानकारी के मुताबिक, गिरिधर तबकाले ने साहूकार लक्ष्मण मार्कंड से ब्याज पर 3000 रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन आर्थिक हालात अच्छे न होने के कारण वह ब्याज की EMI नहीं चुका पाया।
इसके चलते साहूकार ने गिरिधर से 23 मई के दिन मारपीट की। और धमकी भी दी कि यदि उसने कर्ज नहीं चुकाया तो वह उसे मार डालेगा। गिरिधर ने इसकी सूचना पुलिस को दी। लेकिन पुलिस ने भी मामले को हल्के में लिया और साहूकार के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 23 मई को हुए झगड़े को लेकर गिरीधर ने इसकी सुचना स्थानीय पुलिस को दिया था, लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर इसमें कोई मामला दर्ज नहीं किया था।
साहूकार को जब पता चला कि गिरिधर उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाने थाने गया था तो वह बौखला गया। उसने गिरिधर को जान से मार डालने का प्लान बनाया। फिर अपने एक रिश्तेदार प्रशांत के साथ 2 जून को अचानक वह गिरिधर के घर आ धमका। दोनों ने गिरिधर की आंखों में लाल मिर्च का पाउडर डाल दिया।
फिर दोनों ने मिलकर उसे नीचे गिराया और छाती और टांगों पर लात मारनी शुरू कर दी। फिर लोहे की रॉड से भी उस पर जानलेवा हमला किया। गिरिधर चाहकर भी अपना बचाव न कर पाया और गंभीर रूप से घायल हो गया। परिवार वालों ने गिरिधर तबकाले को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
घटना की जानकारी देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया की गिरिधर की हत्या के आरोप में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले की जांच जारी है। वहीं, इस पूरे मामले में पुलिस भी घिरती नजर आ रही है। अगर गिरिधर 23 मई को थाने पहुंचा था रिपोर्ट लिखवाने, तो पुलिस ने मामला दर्ज क्यों नहीं किया?