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सोनिया के रास्ते पर चल पड़ी हैं प्रियंका : भाजपा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 17 2020 2:30PM | Updated Date: Feb 17 2020 2:30PM
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि वह अपनी मां सोनिया गांधी के रास्ते पर चलते हुए अराजक तत्वों की हिंसक हरकतों के प्रति संवेदनशीलता जता रही हैं और कानून-व्यवस्था को बरकरार रखने वाली पुलिस पर हमलावर हैं। भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिंहराव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस अराजक तत्वों, हिंसक घटना एवं प्रदर्शन करने वालों के प्रति संवेदना जताती है और देश की रक्षा करने वाले एवं कानून-व्यवस्था बनाने वालों के खिलाफ आवाज उठाती है। 

उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पुस्तकालय में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर आये वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा विषय को बिना जाने पुलिस के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। वह उपद्रवियों एवं कानून को खतरे में डालने वालों के पक्ष में बोल रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि पुस्तकालय में छात्रों को हाथों में पत्थर लेकर बैठने और चेहरे पर नकाब डालने की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय में उपद्रवी तत्व छात्रों के रूप में बैठे थे, जिन पर पुलिस कार्रवाई की है।

राव ने कहा कि वाड्रा अपनी मां सोनिया गांधी के रास्ते पर चल पड़ी हैं जो बाटला हाउस में आतंकवादियों के मारे जाने पर फूट-फूट कर रोयीं थीं। उन्होंने कहा कि जामिया के जो वीडियो प्रचलित हैं, उनकी जांच पुलिस कर रही है और यदि कोई पुलिस कर्मी गलत करने का दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शाहीन बाग के बारे में दायर एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को उद्धृत करते हुए कहा कि वह मानवाधिकारों की रक्षा करेंगे लेकिन अराजकता एवं दंगा मुक्त माहौल में। 

उन्होंने कहा कि जामिया में पुलिस पर पथराव हुआ, पेट्रोल बम फेंके गये,  लिहाजा वहां के विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण प्रदर्शन कहना मजाक है। आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी द्वारा काशी महाकाल एक्सप्रेस को सेकुलर मूल्यों के खिलाफ बताये जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में राव ने पलटकर पूछा कि एक पंथनिरपेक्ष लोकतंत्र में ओवैसी ने अपनी पार्टी का नाम इस्लाम के नाम पर कैसे रखा है। उन्हें पंथ निरपेक्षता की याद तभी क्यों आती है जब हिन्दुओं का विषय हो। उन्हें अपनी हिन्दू विरोधी मानसिकता छोड़नी होगी। इस देश में जामिया हो या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय इस्लाम के नाम पर बने हैं लेकिन एक ट्रेन भगवान के नाम पर क्या चला दी, उसमें उन्हें सांप्रदायिकता दिखने लगी है। 

योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. मोंटेक सिंह आहलूवालिया की किताब में 2013 में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा प्रेस क्लब में जाकर अध्यादेश की प्रति फाड़ने की घटना के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा इस्तीफे का मन बनाने की स्वीकारोक्ति की गयी है। इस बारे में एक सवाल के जवाब में राव ने कहा कि डॉ. सिंह में जरा भी स्वाभिमान होता तो वे इस्तीफा दे देते। इस्तीफा नहीं देकर वह प्रधानमंत्री पद की गरिमा बनाये रखने में अक्षम साबित हुए। उन्हें इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।

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