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सीएए हमारी सांस्कृतिक विचार धारा को अक्षुण्य रखने का कानून है : यू पी सिंह

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 17 2020 1:06AM | Updated Date: Feb 17 2020 1:06AM
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गोरखपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के पूर्व कुलपति प्रो.यू.पी. सिंह ने कहा कि दुखी, पीड़ित व्यक्ति को शरण देना हमारी सांस्कृति पहचान है और नागरिकता संशोधन कानून हमारी इसी सांस्कृतिक विचार धारा को अक्षुण्य रखने का कानून है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद, गोरक्षप्रान्त एवं हिन्दी विभाग दिग्विजयनाथ पी.जी.कालेज के संयुक्त तत्वावधन में नागरिकता संशोधन कानून एक परिचर्चा विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने भी शिकागो सम्मेलन में कहा था कि भारत एक ऐसा देश है जो उत्पीड़ित जन की मदद करता है और शरण देता है।
 
उन्होंने कहा कि सीएए हमारी इसी सांस्कृतिक विचार धारा को अक्षुण्य रखने का कानून है। उन्होंने कहा कि आज शाहीन बाग में सीएए को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन के कारण वहॉ  जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है, उनके मानवाधिकारों का उत्पीड़न हो रहा है। कुछ राज्य जो इस कानून को मानने से इंकार कर रहें है और इसके खिलाफ प्रस्ताव ला चुके है ,उन्हें भी समझना होगा कि कानून को पास या निरस्त करने का अधिकार केन्द्र सरकार के पास है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आज न/न जाने क्या हो गया कि अपने ही संविधान का वह विरोध कर रही है।
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