पटना। बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड ने मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव पर हमला बोलते हुए आज कहा कि कुमार के बगैर इस बार का विधानसभा चुनाव लड़ने पर यादव को आटे-दाल के भाव का पता चल जाएगा। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने यहां कहा कि जिस समय विधानसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष यादव को दिखना चाहिए उस समय वह कहीं अन्यत्र होते हैं तो फिर केवल नीतीश निंदा से उन्हें चर्चा में रहने का भले ही अवसर प्राप्त हो जाए लेकिन लोकतंत्र में जब कोई राजनेता जिम्मेदारी और जन अपेक्षाओं के अनुरूप भागीदारी के लिए तैयार नहीं होता है तो उसे जनता के कोप का शिकार होना पड़ता है। प्रसाद ने कहा कि शायद यही वजह है कि 15 वर्षों तक बिहार की सत्ता पर काबिज रहने के बावजूद बिहार ने जब एक बार राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके कुनबे को नकार दिया तो उन्हें मौका तभी मिल पाया जब मुख्यमंत्री कुमार की सरपरस्ती में वर्ष 2015 का चुनाव तेजस्वी यादव की पार्टी ने लड़ी।
उन्होंने कहा कि अब जब कुमार के बगैर तेजस्वी यादव चुनाव लड़ने जाएंगे तो उन्हें आटे-दाल के भाव का पता चलेगा। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव को यह पता भी चला जब वर्ष 2019 में राजद और उनके सहयोगी दलों की तमाम कोशिशों के बावजूद बिहार में जदयू के अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने जहां 40 में 39 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कर ली। वहीं, राजद का सूपड़ा साफ हो गया। उनसे बेहतर कम से कम एक ही सीट सही, कांग्रेस को कम से कम खाता खोलने का अवसर मिला लेकिन यह सबक काफी नहीं था। जनता को नहीं समझ पाने का नुकसान हर पार्टी को भुगतना पड़ता है और राजद इसका अपवाद नहीं है।