बुलन्दशहर। केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा है कि गंगा हमारी सभ्यता की गवाह है, इसलिए आम लोगों के साथ-साथ हम सभी की जिम्मेदारी है कि गंगा स्वच्छ और निर्मल रहें। पटेल ने बुधवार को यहां गंगा यात्रा के तीसरे दिन यात्रा रथ को रवाना करने से पहले यह बात कही। उन्होंने कहा कि गंगा ने हमारे देश के एक बड़े हिस्से की सभ्यता को संरक्षण दिया है और इस यात्रा के दौरान लोगों का उत्साह बता रहा है कि गंगा के प्रति लोगों की आस्था है और इसको लेकर वे सजग भी हैं।
गंगा को निर्मल बनाने के लिए शुरुआत बहुत पहले ही हो चुकी है, जिसके तहत वाराणसी और कानपुर में कई गंदे नालों को गंगा में गिरने से रोका गया है जो एक बड़ी सफलता है। इस यात्रा के दौरान हमें छोटे स्तर पर लोगों को जागरूक बनाना है और इस बात के लिए संकल्पित करना है कि गंगा में गंदगी न डालें। इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने यहां बसीघाट पर गंगा पूजन और आरती की। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सुरेश राणा, कपिल देव अग्रवाल, सुरेश खन्ना और बलदेव सिंह औलख के अलावा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
पटेल ने इस यात्रा में शामिल हो रहे लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए सरकार अपना काम कर रही है और इस उद्देश्य के लिए सामाजिक तथा जन भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने पर्यटन की दृष्टि से गंगा के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में जो भी पर्यटक आते हैं, वे भारत की संस्कृति को देखने के लिए आते हैं और संस्कृति का एक बड़ा हिस्सा गंगा किनारे ही बसता है।
इसलिए इसे स्वच्छ और निर्मल बनाना अवश्यक है, ताकि पर्यटक इसे प्रत्यक्ष रूप से देखें। गंगा रथ यात्रा आज यहां से रवाना होने के बाद अलीगढ़, संभल, बदायूं, शाहजहाँपुर और कासगंज होते हुए फर्रुखाबाद जाएगी। यह यात्रा जहां-जहां से निकाल रही है हर जगह स्कूली बच्चों के साथ आम लोग 'भारत माता की जय', वन्दे मातरम् और जय गंगा मैया के नारों के साथ इसका स्वागत कर रहे हैं। गौरतलब है कि गंगा यात्रा का पहला रथ 27 जनवरी को बिजनौर से और दूसरा रथ बलिया से रवाना हो चुका है।
इसके बाद 31 जनवरी को दोनों रथ कानपुर पहुंचेंगे। बिजनौर और बलिया से आरंभ होने वाली दोनों ही यात्राओं का समागम कानपुर में 31 जनवरी को होगा। गंगा यात्रा 1358 किलोमीटर की दूरी तय करेगी जिसमें यह 1038 ग्राम पंचायतों , 1650 गांव, 21 नगर निकाय और जनपदों से होकर गुजरेगी।