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कुप्रबंधन से बढी आर्थिक बदहाली का बजट में जवाब दे सरकार : कांग्रेस

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 28 2020 3:41PM | Updated Date: Jan 28 2020 3:42PM
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण देश में हर व्यक्ति पर बढे कर्ज का बोझ घटाने और जीडीपी, औद्योगिक उत्पादन, आयात, निर्यात, निवेश, खपत जैसे कई क्षेत्रों में गिरावट रोकने के उपायों का बजट में विस्तार से जवाब दिया जाना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले साढ़े पांच साल के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन के कारण विकास के हर क्षेत्र में गिरावट दर्ज की जा रही है।
 
सकल घरेलू उत्पादन -जीडीपी घट रहा है, औद्योगिक उत्पादन, आयात, निर्यात, निवेश, लोगों की क्रय क्षमता और डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत लगातार गिर रही है लेकिन इसे रोकने के ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस अवधि में देश के आम नागरिक पर कर्ज का बोझ अप्रत्याशित रूप से बढा है। प्रति व्यक्ति कर्ज पिछले साढे पांच साल में 67 प्रतिशत बढ़ा है। उनका कहना था कि 2014 में 41200 रुपए का कर्ज प्रति व्यक्ति था जो आज बढकर 68400 हो गया है।
 
मतलब यह कि सरकार की अक्षमता के कारण साढे पांच साल में देश के हर नागरिक पर 27200 रुपए का अतिरिक्त कर्ज का बोझ डाला गया है। प्रवक्ता ने कहा कि चार दिन बाद बजट पेश किया जाना है और उससे एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट आएगी लेकिन इसको लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण निष्क्रिय बनी हुई हैं।
 
एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देश के शीर्ष उद्योगपतियों की बैठक हुई लेकिन आश्चर्य की बात है कि बैठक में वित्त मंत्री मौजूद नहीं थीं। इतिहास में शायद यह पहली बार हुआ है जब बजट के दिनों उद्योगपति प्रधानमंत्री से मिलें और वित्त मंत्री इस दौरान गैरमौजूद रहे हों। वित्त राज्य मंत्री आर्थिक मुद्दों पर बोलने की बजाय विवादित बयान दे रहे हैं।  
 
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