लखनऊ। दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज पर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के घंटाघर में मुस्लिम महिलाओं का धरना आज रविवार को तीसरे दिन भी जारी है। महिलाओं के साथ काफी संख्या में बच्चे भी हैं जो रात भर ओस और पाले में धरने पर बैठे रहे। महिलाओं की मांगे है कि जब तक सरकार सीएए और एनआरसी के फैसले को वापस नहीं लेती तबतक वो वापस नहीं जायेंगी।
दूसरी ओर पुलिस महिलाओं को हटाने का हर संभव प्रयास कर रही है। आरोप है कि महिलाएं सर्दी से बचने के लिए जो कंबल और सामान लाई थीं उसे शनिवार की देर रात छीना गया। कंबल छीने जाने के आरोप का पुलिस ने पूरी तरह खंडन किया है। पुलिस ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि कुछ संगठन कंबल बांट रहे थे जिसे लेने बहुत से ऐसे पुरूष भी आ गये थे जिनका इस प्रदर्शन से लेना देना नहीं था । उन लोगों को वहां से हटाया गया । इसके अलावा प्रदर्शन स्थल को रस्से और डंडे से घेरा जा रहा था जिसे हटाया गया है।
प्रदर्शन कर रही मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि केंद्र सरकार के खिलाफ उनका गुस्सा एक दिन का नहीं बल्कि सालों का है जो सीएए और एनआरसी आने से फूट पड़ा है । केंद्र सरकार जब तक इसे वापस नहीं लेती धरना और प्रदर्शन जारी रहेगा । देश का सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी और महिलाओं के खिलाफ हिंसा है लेकिन केंद्र सरकार इस पर ध्यान नहीं दे ,हिंदू मुसलमानों की एकता को तोड़ना चाहती है ।