पटना। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के संसद के दोनों सदन में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को समर्थन दिए जाने से नाराज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने यह कहकर कि अब भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेवारी गैर (भारतीय जनता पार्टी ) भाजपा के 16 मुख्यमंत्रियों पर है, एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। किशोर ने आज इस विधेयक को लेकर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा, संसद में बहुमत की जीत हुई है।
अब न्यायपालिका के अलावा भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेवारी 16 गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों पर है क्योंकि इन राज्यों में इस विधेयक के कानून बनने के बाद लागू भी करना है। जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल के मुख्यमंत्री नागरिकता संशोधन विधेयक एवं राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को ना कह चुके हैं। अब अन्य मुख्यमंत्रियों को भी एनआरसी और सीएबी पर अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है।
इस पर जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने पलटवार किया और कहा कि किशोर पार्टी के महत्वपूर्ण पद पर आसीन हैं, जब जदयू के शीर्ष नेतृत्व ने इस विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट कर समर्थन दे दिया है तो वह अब बयानबाजी कर पार्टी की आधिकारिक लाइन का उल्लंघन कर रहे हैं। श्री किशोर पार्टी लाइन से अलग लकीर खींचने का प्रयास क्यों कर रहे हैं, यह तो वही बेहतर समझ रहे हैं।