चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमंरिदर सिंह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर सीधा हमला करार देते हुए कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में इस विधेयक को लागू नहीं होने देगी। देश के संवैधानिक मूल्यों की सुरक्षा के प्रति अपनी कटिबद्धता जताते हुए कैप्टन अमंरिदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस जिसके पास विधानसभा में बहुमत है, सदन में इस असंवैधानिक विधेयक को रोकेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार विधेयक को देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को तोड़ने नहीं देगी क्योंकि देश की ताकत इसके बहुलतावाद में ही है। विधेयक राज्यसभा में कल ही पारित किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद के पास ऐसा कानून पारित करने का अधिकार नहीं है जो संविधान के खिलाफ जाता हो और इसके बुनियादी सिद्धांतों व लोगों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ जाता हो। कैप्टन अमंरिदर ने कहा कि जो भी विधेयक देश के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना चाहता है गैरकानूनी और अनैतिक है। उन्होंने कहा कि एक चुनी हुई सरकार का यह कर्तव्य बनता है कि वह संविधान के मूल्यों की रक्षा करे न कि उन्हें नष्ट करे। उन्होंने कहा कि वह अपनी सरकार के तहत ऐसा संवैधानिक उल्लंघन नहीं होने देंगे। कैप्टन अमंरिदर ने कहा, ‘‘आप देश की आबादी के एक बड़े हिस्से को सुरक्षा से कैसे वंचित करेंगे क्योंकि भारत को ‘संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणतंत्र‘‘ घोषित किया जा चुका है जो अपने नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता देता है।
उन्होंने कहा कि नागरिकता को धर्म से जोड़ने से विधेयक ने देश की बुनियाद पर ही हमला किया है। उन्होंने कहा कि सोचना चाहिए कि यदि दूसरे देश जहां भारतीय बड़ी संख्या में बसे हुए हैं और वहां की नागरिकता हासिल की हुई है, वहां ऐसे कानून लाये जाएं तो क्या होगा? उन भारतीयों पर क्या बीतेगी यदि जहां वह रहते हैं वह देश धार्मिक आधार पर उनकी नागरिकता छीन लें। कैप्टन अमंरिदर ने कदम को प्रतिगामी करार दिया और कहा कि यह भारत को पीछे ले जायेगा। उन्होंने कहा कि विधेयक पारित करने के लिए बहुमत का इस्तेमाल करने के बजाय केंद्र सरकार को सभी पार्टियों से चर्चा कर सर्व सहमति बनानी चाहिए थी।