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कांग्रेस का मोदी पर गेहूँ, धान की खरीद में कटौती करने के षडयंत्र का आरोप

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 12 2019 6:17PM | Updated Date: Dec 12 2019 6:17PM
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चंडीगढ़। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसानों से सरकारी एजेंसियों के माध्यम से गेहूँ और धान की फसलों की खरीद में कटौती करने का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के मीडिया संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्र खाद्यान्न खरीद विभाग के संयुक्त सचिव के गत 18 अक्तूबर के भारतीय खाद्य निगम(एफसीआई) और केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को लिखे गये ईमेल के हवाले से अपने इन आरोपों की पुष्टि करते हुये कहा कि इसमें प्रधानमंत्री की ओर से किसानों से की जाने वाले गेहूँ और धान की खरीद बल्कि खाद्यान्नों पर सब्सिडी में भी कटौती करने को कहा गया है।

 

उन्होंने दावा किया कि ईमेल में केंद्रीय पूल के लिये खाद्यान्नों की खरीद केवल सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा अन्य कमजोर वर्गों के कोटे तक सीमित करने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा प्रति एकड़ कितने क्विंटल खाद्यान्न की खरीद हो यह सीमा भी निर्धारित करने और सरकारी एजेंसियों द्वारा कितने एकड़ भूमि से किन किन फसलों की खरीद की जाये यह सीमा भी निश्चित करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि ईमेल में इस कदम पीछे सरकार द्वारा गेहूँ और धान की फसलें उगाने वाले राज्यों में अन्य फसलों को प्रोत्साहन देने दलील दी गई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि वर्ष 2019-20 के रबि सीजन में लगभग 341.33 लाख टन खाद्यान्नों की खरीद की गई है जिसमें से लगभग 222 लाख टन पंजाब और हरियाणा से खरीदा गया है।

 

इसमें से भी पंजाब से लगभग 129 लाख टन और हरियाणा से 93 लाख टन खाद्यान्न की खरीद की गई। उन्होंने कहा कि लगभग 65 प्रतिशत खाद्यान्नों की खरीद हरियाणा और पंजाब से होती है ऐसे में केंद्र सरकार का उपरोक्त कदम इन दोनों राज्यों के किसानों के विरूद्ध एक बढ़ा षडयंत्र है। उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की गत अक्तूबर में वर्ष 2020-21 के रबी सीजÞन के लिये जारी एक रिपोर्ट में पंजाब और हरियाणा से खाद्यान्नों की खरीद में कटौती की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार इन दोनों राज्यों से गेहूँ और धान के बड़े हिस्से की खरीद करती है

 

ऐसे आयोग सिफारिश करता है कि इन खाद्यान्नों की खरीद में कटौती की जाये। सुरजेवाला ने दावा किया कि किसानों से फसल खरीद करने वाली एफसीआई को केंद्र की भाजपा नीत सरकार बंद करने की साजिश रच रही है। सरकार ने एफसीआई को गत पांच वर्षों से खाद्य सब्सिडी राशि जारी करना बंद की दी है। यह राशि लगभग 1.71 लाख करोड़ रूपये है। ऐसे में एफसीआई पर कर्ज का बोझ बढ़ कर 2.65 लाख करोड़ रूपये हो गया है। 

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