नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन के तहत परम्परागत कृषि विकास योजना एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन जैसी समर्पित योजनाओं के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे जैविक कृषि उत्पाद के निर्यात में सतत वृद्धि हुई है। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्य सभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, समेकित बागवानी विकास मिशन को जैविक खेती नेटवर्क परियोजना के अंतर्गत सहायता दी जाती है।
कृषि प्रसंस्कृत खाद्य एवं निर्यात विकास प्राधिकरण और वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जैविक खेती के तृतीय पक्ष के प्रमाणन को बढ़ावा दिया जाता है। इससे जैविक कृषि उत्पादों के निर्यात में निरंतर वृद्धि हुई है। तोमर ने कहा कि जैविक खाद की कमी के बारे में उत्तर प्रदेश सरकार सहित राज्यों से इसकी कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाती है। पूर्वोत्तर क्षेत्र जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन के तहत किसानों को ऑन फार्म एवं ऑफ फार्म जैविक आदानों एवं बीजों/ पौध रोपण सामग्री के लिए 2500 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता दी जाती है।