नई दिल्ली। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हवा की खराब गुणवत्ता से निपटने के लिए सरकार ने प्रदूषण पर रोक लगाने में विफल रहने वाले अधिकारियों पर निजी तौर पर जुर्माना लगाने तथा न्यायिक कार्रवाई करने और अगले साल अगस्त तक सभी सड़कों को धूलमुक्त बनाने का फैसला किया है। पर्यावरण सचिव सी.के. मिश्रा ने सोमवार को पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब प्रदूषण नियंत्रण में नाकाम रहने पर विभागों की बजाय सीधे अधिकारियों पर जुर्माना लगाने का फैसला किया गया है।
साथ ही अधिकारियों से यह भी पूछा जायेगा कि उनके खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई क्यों न शुरू की जाये। पिछले साल विभागों की जिम्मेदारी तय कर उन पर जुर्माना लगाने की शुरुआत की गयी थी। मिश्रा ने बताया कि अगले 15 दिन तक अभियान चलाकर कड़ाई से प्रदूषण नियंत्रण के लिए घोषित उपायों को लागू किया जायेगा और इस दौरान जो उपाय प्रभावी पाये जायेंगे, उन्हें 31 दिसंबर तक जारी रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि इस बैठक में एक और महत्वपूर्ण फैसला यह लिया गया है कि अगले साल अगस्त तक दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और गुड़गाँव की सभी सड़कों को धूलमुक्त किया जायेगा। जिन सड़कों के किनारे धूल है वहाँ या तो पेवमेंट बनाये जायेंगे या पेड़-पौधे लगाये जायेंगे।