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जीएसटी के फर्जी निबंधन वालों के परिसर का होगा निरीक्षण : सुशील

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 19 2019 5:44PM | Updated Date: Nov 19 2019 5:44PM
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पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज चेतावनी देते हुए कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का फर्जी निबंधन करने वालों के परिसर का निरीक्षण किया जाएगा। मोदी ने यहां वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के 50 वाणिज्यकर अंचलों के 700 से अधिक करदाता कारोबारियों, कर सलाहकारों एवं अंकेक्षकों से जीएसटी से जुड़ी समस्याओं और सुझाव पर चर्चा करने के बाद बिना किसी कारोबार के जीएसटी का फर्जी निबंधन कराने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार एक अभियान चला कर वैसे लोगों के परिसर का निरीक्षण करेगी, जिन्होंने नया निबंधन तो करा लिया है लेकिन वास्तव में कोई कारोबार नहीं करते हैं।
 
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी तक 98 ऐसे करदाता पाए गए हैं, जिनका कोई अस्तित्व नहीं है। ऐसे लोग कागज पर ही 1921 करोड़ रुपए से अधिक का माल मंगा कर 419 करोड़ रुपए की करवंचना की है। सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिनमें फर्जी कारोबारियों के साथ सीए भी शामिल हैं। इसके साथ ही छह माह तक लगातार विवरणी दाखिल नहीं करने वाले 7368 कारोबारियों के निबंधन को रद्द किया गया है। मोदी ने बताया कि बिहार में वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में चालू वित्त वर्ष के आठ महीने में जीएसटी संग्रह में 6.73 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
 
इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से  अक्टूबर 48 करोड़ रुपए की उपभोक्ता सामग्री बिहार में बिकने के लिए मंगाए गए जो पिछले साल की इसी अवधि से तीन प्रतिशत अधिक है। इनमें सर्वाधिक 8242 करोड़ रुपए का लौह एवं इस्पात, 3475 करोड़ रुपए के मोबाइल फोन, 3409 करोड़ रुपए के दुपहिया एवं तिपहिया वाहन तथा 3325 करोड़ रुपए के सीमेंट शामिल हैं।
 
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि 20 लाख रुपए की जगह अब सालाना 40 लाख रुपए तक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए निबंधन की अनिवार्यता नहीं होगी जबकि 20 लाख रुपए तक टर्नओवर वाले सेवा प्रदाताओं को निबंधन कराना होगा। कम्पोजिशन स्कीम में शामिल कारोबारियों के लिए टर्नओवर की सीमा एक करोड़ रुपए से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपए कर दी गई है, जिन्हें मामूली हिसाब-किताब रख कर नाममात्र का निश्चित कर देना होता है।
 
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