श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पिछले 100 दिनों से इंटरनेट पर जारी रोक के विरोध में मंगलवार को पत्रकारों और फोटो-पत्रकारों सहित बड़ी संख्या में मीडियाकर्मियों ने श्रीनगर में धरना-प्रदर्शन किया। विभिन्न स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों से संबंधित मीडिया कर्मी श्रीनगर में कश्मीर प्रेस क्लब के अंदर इकट्ठे हुए और पांच अगस्त से ब्रॉडबैंड और मोबाइल इंटरनेट पर रोक के विरोध में धरना दिया। गौरतलब है कि केंद्र ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने से संबंधी अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को समाप्त कर दिया था। इसके बाद से ही पूरी घाटी में ब्रॉडबैंड और मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगी हुई है।
प्रदर्शनकारी पत्रकार हाथों में ‘कश्मीरी पत्रकारों को अपमानित करना बंद करो’, ‘100 दिन, कोई इंटरनेट नहीं’, तथा अन्य नारों के साथ तख्तियां लिये हुए थे। इंटरनेट पर रोक के खिलाफ पत्रकारों ने अपने लैपटॉप को काले स्क्रीन के साथ लहराया और कहा कि इसके कारण उनके कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। पत्रकारों ने उन्हें निर्बाध इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने की भी मांग की ताकि वे अपने कर्तव्यों को पूरा कर सकें। पत्रकारों ने कहा,‘‘घाटी में सक्रिय सभी मीडिया घरानों को इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जानी चाहिए ताकि मीडियाकर्मी ठीक से काम कर सकें।’’ उन्होंने कहा कि अपने संबंधित कार्यालयों में पत्रकारों को इंटरनेट तक पहुंच नहीं देकर, प्रशासन उन्हें ठीक से काम करने की अनुमति नहीं दे रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मीडिया के लोगों के लिए कार्यालय से मीडिया सुविधा केंद्र तक स्टोरी को कवर करने के लिए जाना मुश्किल हो जाता है। यह बहुत समय लेने वाला है जो हमारा काफी समय बर्बाद करता है।’’ राज्य के सूचना विभाग ने आखिरकार शहर के सोनवार क्षेत्र में पत्रकारों के लिए एक ‘सुविधा केंद्र’ खोला, जहाँ से वे अपने संबंधित मीडिया संगठनों को स्टोरी भेजते हैं। हालांकि, दूर दराज और सुदूर क्षेत्रों से किसी भी जानकारी के लिए पत्रकार केवल सरकारी ब्रींिफग पर निर्भर हैं। इस केंद्र को बाद में श्रीनगर में पोलो व्यू में सूचना निदेशालय में स्थानांतरित कर दिया गया। अक्टूबर के पहले सप्ताह में भी बड़ी संख्या में मीडियाकर्मियों ने श्रीनगर में एक विरोध रैली निकाल कर इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवा की बहाली की मांग की थी।