चंडीगढ। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से लिपिकों की भर्ती के लिए परीक्षार्थियों के परीक्षा केन्द्र दूरदराज जिलों में रखे जाने को लेकर आयोग के फैसले की आज आलोचना करते हुए कहा कि इससे न केवल युवाओं को परेशानी उठानी पड़ी बल्कि परिवहन व्यवस्था चरमराने के कारण आम जन को भी भारी दिक्कत हुई। हुड्डा ने यहां जारी बयान में कहा कि लगता है आयोग का यह फैसला कोई संयोग नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला निश्चय ही सरकार के संज्ञान में रहा है, जिसे आम जन को हुई असुविधा का कोई मलाल नहीं है। उन्होंने कहा कि लिपिक पद की परीक्षा का पहला दिन हरियाणा के लाखों युवाओं के सब्र की परीक्षा साबित हुआ, जिसका सिलसिला तीन दिन तक जारी रहना है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शिता के नाम पर आयोग का यह फैसला किसी कसौटी पर मान्य नहीं है।
परीक्षा के लिए पारदर्शिता और सटीक प्रबंधन का काम परीक्षार्थियों के लिए उनके अपने जिलों में भी सम्भव हो सकता था, मगर सरकार व आयोग ने इसे उचित नहीं समझा। हुड्डा ने कहा कि सबसे बुरी बात यह रही कि सरकार व आयोग ने महिला परीक्षाथियों को होने वाली परेशानियों को भी नहीं समझा। उन्होंने पूछा कि प्रदेश भर में 15 लाख से ऊपर परीक्षार्थियों में महिला अभ्यार्थियों की बड़ी संख्या का क्या सरकार को ज्ञान नहीं था यदि था तो सरकार ने समय रहते इसका समाधान निकालने की कोशिश क्यों नहीं की यह कितना दुर्भाग्यपूण रहा कि हरियाणा की किसी बेटी को कंगन तथा नाक की बाली को आरी से कटवाना पड़ा तो कई अन्यों को कानों की बालियों तक उतरवानी पड़ी।
उन्होंने कहा कि लड़कियों को अपने परिवारजनों के साथ एक दिन पहले जाना पड़ा तथा रात को ठहरने की व्यवस्था के लिए भी उन्हें बहुत परेशानी झेलनी पड़ी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का यह रवैया अपमानजनक और घोर निन्दनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग ने यह ध्यान भी नहीं रखा कि केन्द्र तक पहुंचने व बैठने में दिव्यांगों को कितनी दिक्कतें सामने आने वाली हैं।
कांग्रेस नेता ने आपरोप लगाया कि कि परीक्षा केन्द्र पर जल्दी पहुंचने की कोशिश में हिसार जिले के दो युवाओं को जान गंवानी पड़ी और उनकी कार में सवार तीन साथियों को गम्भीर चोटें आई। बहुत से युवाओं को शाम को अपने घर लोटने के लिए बसों और ट्रेनों में जगह पाने के लिए मारामारी करनी पड़ी।
उन्होंने कहा कि पर्याप्त परिवहन व्यवस्था न होने के कारण बहुत से परीक्षार्थी अपने केन्द्रों तक भी नहीं पहुंच पाये। उन्होंने जानना चाहा कि क्या सरकार को पूर्व अनुमान नहीं था कि इतनी बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों के इधर-उधर जाने से अव्यवस्था फैलेगी। हुड्डा ने मांग की कि सरकार इसके लिए माफी मांगे और कहा कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई तो वह वायदा करते हैं कि हरियाणा में युवाओं को परीक्षा के लिए किसी दूसरे जिले में नहीं जाना पड़ेगा तथा किसी भी पद के लिए जो भी परीक्षा होगी वो उनके गृह जिले में ही होगी।